लुधियाना में 26-27 सितंबर को लगेगा दो दिवसीय पशुपालन मेला, किसानों को मिलेगा पुरस्कार

लुधियाना में 26-27 सितंबर को लगेगा दो दिवसीय पशुपालन मेला, किसानों को मिलेगा पुरस्कार

पशुपालन मेले में किसानों को कई नई जानकारी मिलेगी. किसान गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी और मछली पालन के बारे में विस्तृत जानकारी ले पाएंगे. किसानों को इस मेले में मवेशियों की उन्नत नस्लों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी.

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लुधियाना में 26-27 सितंबर को लगेगा दो दिवसीय पशुपालन मेला, किसानों को मिलेगा पुरस्कारगडवासु में लगेगा पशुपालन मेला

लुधियाना स्थित गुरु अंगद देव वेटरिनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी (GADVASU) में 26 और 27 सितंबर को दो दिवसीय 'पशु पालन मेला' का आयोजन किया जाएगा. विश्वविद्यालय के निदेशक (विस्तार शिक्षा) डॉ. रविंदर सिंह ग्रेवाल ने बताया कि किसानों में इस मेले को लेकर भारी उत्साह है और बड़ी संख्या में पूछताछ आ रही है.

इस मेले में विश्वविद्यालय की नई-नई तकनीकों को दिखाया जाएगा, साथ ही किसानों और वैज्ञानिकों के बीच आपसी बातचीत और पूछताछ की सुविधा होगी. गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन आदि विषयों पर वैज्ञानिक सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें किसान आधुनिक और लाभकारी पशुपालन पद्धतियों को सीख सकेंगे.

बेहतर नस्लें और उत्पाद दिखाए जाएंगे

मेला स्थल पर विश्वविद्यालय की ओर से विकसित उच्च गुणवत्ता वाले पशु — जैसे गाय, भैंस, बकरी और पोल्ट्री प्रदर्शित किए जाएंगे ताकि किसान अपनी नस्लों को उन्नत बना सकें. इसके अलावा डेयरी, पोल्ट्री, मछली, बकरी और सूअर पालन से संबंधित साहित्य और “विज्ञानक पशु पालन” मैगजीन भी उपलब्ध करवाई जाएगी.

उत्पाद और मुफ्त परीक्षण सेवाएं

डॉ. ग्रेवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय के उत्पाद — एरिया स्पेसिफिक मिनरल मिक्सचर, यूरोमिन लिक और बायपास फैट — रियायती दामों पर बेचे जाएंगे. साथ ही निम्नलिखित डेमो और परीक्षण सुविधाएं दी जाएंगी:

  • गेहूं/धान की भूसी का यूरिया ट्रीटमेंट
  • खनिज पूरक बनाने की विधि
  • टीट डिप और एकरिसाइड्स का उपयोग
  • मास्टाइटिस, दूध और चारे की जांच
  • ब्रुसेलोसिस जांच (मानव और पशु दोनों के लिए)
  • दूध मिलावट की जांच किट उपलब्ध — जो चीनी, स्टार्च, यूरिया, न्यूट्रलाइजर और हाइड्रोजन परऑक्साइड की पहचान कर सकती है.

मुख्यमंत्री पुरस्कार और स्लोगन

कुलपति डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल ने बताया कि इस वर्ष का मेला पड़ोसी राज्यों के किसानों और स्टेकहोल्डर्स को भी आकर्षित कर रहा है. 100 से अधिक कंपनियां — फार्मा, फीड, मशीनरी, सीमन, बीज, उपकरण आदि — मेले में अपने स्टॉल लगाएंगी. विशेष रूप से इस बार मेले का उद्देश्य है — "बछड़ों की बेहतर देखभाल", जिसे दर्शाया गया है स्लोगन में: "कत्रु-वच्छरू दा सुचजा प्रबंध, बनाए डेयरी कित्ते नू लाभवंद."

मेले के दौरान चार उत्कृष्ट किसानों को “मुख्यमंत्री पुरस्कार” से सम्मानित किया जाएगा, जिनमें गाय पालन, पोल्ट्री और वैल्यू एडेड उत्पाद की श्रेणियां शामिल हैं.

इस मेले को लेकर किसानों में उत्साह देखा जा रहा है. विश्वविद्यालय में किसानों के फोन आ रहे हैं जिसमें मेले के बारे में जानकारी ली जा रही है. किसानों का ये भी सवाल है कि क्या बिना रजिस्ट्रेशन किसान इस पशुपालन मेले में शामिल हो सकेंगे. यूनिवर्सिटी की ओर से किसानों को हर तरह की जानकारी दी जा रही है.

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