Dairy Revolution: देश में ये चार काम हुए तो बढ़ जाएगी डेयरी की रफ्तार, एक्सपर्ट ने दिए टिप्स 

Dairy Revolution: देश में ये चार काम हुए तो बढ़ जाएगी डेयरी की रफ्तार, एक्सपर्ट ने दिए टिप्स 

Indian Dairy Revolution श्वेत क्रांति-2.0 तहत होने वाले काम की प्रगति की समीक्षा बैठकें हो रही हैं. रणनीतियों को अंतिम रूप देने के लिए डेयरी एक्सपर्ट और अफसरों के साथ चार पॉइंट पर चर्चा हो रही है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) इसमे अहम भूमिका निभा रहा है. 

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Dairy Revolution: देश में ये चार काम हुए तो बढ़ जाएगी डेयरी की रफ्तार, एक्सपर्ट ने दिए टिप्स हिमाचल के दूध उत्‍पादकों के लिए खुशखबरी (सांकेत‍िक तस्‍वीर)

Indian Dairy Revolution श्वेत क्रांति-2.0 के पशुपालन और डेयरी में काम हो इसके लिए समीक्षा और रणनीतियों पर अमल करने के लिए चर्चाएं हो रही हैं. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो श्वेत क्रांति-2.0 के चार खास काम होने हैं. अगर इन्हीं चार काम पर जोर दिया जाए तो डेयरी सेक्टर की रफ्तार बढ़ जाएगी. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB)  इस संबंध में लगातार एक्सपर्ट के साथ चर्चा कर रहा है. साथ ही एनडीडीबी की ओर से ये भरोसा भी दिलाया जा रहा है कि श्वेत क्रांति के मकसद को लागू कराने में हर संभव मदद की जाएगी.

एनडीडीबी से जुड़े जानकारों का कहना है कि दूध उत्पादन की लागत को कम करने, उत्पादकता बढ़ाने और दूध सप्लाई को मजबूत करने पर जोर देते हुए डेयरी वैल्यू चैन में समग्र दृष्टिकोण की जरूरत के महत्व को बताया. डेयरी की आर्थिक क्षमता के बारे में किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर चर्चा कर उसके महत्व को बताया. उनका कहना था कि श्वेत क्रांति 2.0 के माध्यम से महिला सशक्तीकरण को और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत है. 

जिलों को जोड़कर हासिल होगा टॉरगेट 

दुग्ध संघों द्वारा राज्य-स्तरीय डब्ल्यूआर 2.0 लक्ष्यों को जिला और संघ स्तर पर विशिष्ट कार्रवाई योग्य लक्ष्यों में विभाजित करने की जरूरत है. जिससे प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके. ये कहना है एनडीडीबी से जुड़े एक्सपर्ट का. उनका ये भी कहना है कि पीओआई से एनपीडीडी के तहत सक्रिय रूप से प्रस्ताव प्रस्तुत करने की भी मांग की और पूरी प्रक्रिया में पूर्ण समर्थन प्रदान करने के लिए एनडीडीबी के सहयोग की पुष्टि की. दयानंद सावंत ने दक्षिण भारत में वर्तमान डेयरी परिदृश्य प्रस्तुत किया और सभी दुग्ध संघों से अपने लक्ष्य एनडीडीबी को प्रस्तुत करने को कहा, जिससे एक समेकित राष्ट्रीय स्तर की योजना तैयार करने में सुविधा हो.

वहीं नाबार्ड के अधिकारियों ने श्वेत क्रांति 2.0 के तहत डेयरी सहकारी समितियों को समर्थन देने के लिए उपलब्ध विभिन्न वित्तीय योजनाओं की रूपरेखा तैयार की और पीओआई के एमडी और जीएम ने अपने राज्य-विशिष्ट श्वेत क्रांति 2.0 लक्ष्य प्रस्तुत किए, जिनमें नई समितियों के गठन और मौजूदा समितियों को मजबूत करने की योजनाएं शामिल थीं. यह कार्यशाला भारत के डेयरी क्षेत्र में सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए श्वेत क्रांति 2.0 के तहत क्षेत्रीय प्रयासों को राष्ट्रीय उद्देश्यों के साथ पहचान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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