Goat Lamb Care in Winter गोट एक्सपर्ट की मानें तो विपरीत मौसम के चलते बकरियां बहुत जल्दी परेशान नहीं होती हैं. जल्दी बीमार भी नहीं होती हैं. लेकिन इसका ये कतई मतलब नहीं है कि सर्दियों के आने वाले मौसम में उनकी देखभाल न की जाए. सर्दियों के मौसम में कुछ चीजें ऐसी हैं जो बकरियों को परेशान करती हैं. अगर देखभाल में जरा सी भी लापरवाही हो जाए तो फिर बकरी और उसका बच्चा गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. खासतौर से ऐसे वक्त में बकरी के बच्चों को ठंड से बचाना बहुत जरूरी हो जाता है.
क्योंकि बकरी पालन में बकरी के बच्चों को मुनाफे के तौर पर देखा जाता है. शायद इसीलिए गोट एक्सपर्ट कहते भी हैं कि अगर आपने बकरी के बच्चों की मृत्यु दर को कंट्रोल कर लिया तो फिर मुनाफा बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है. गौरतलब रहे बकरी एक बार में सामान्य तौर पर दो बच्चे तक देती है. कुछ नस्ल ऐसी भी हैं जो तीन बच्चे तक देती हैं.
सीआईआरजी के डायरेक्टर डॉ. मनीष चेतली का कहना है कि बकरी पालन में बच्चों की मृत्यु दर कम करने, ठंड से बचाने और इस मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए सीआईआरजी में सोलर ड्रॉयर विंटर प्रोटेक्शन सिस्टम तैयार किया गया है. ये दोहरे काम करता है. सबसे पहले हम बच्चों को निमोनिया से बचाने की बात करें तो ठंड के मौसम ही नहीं गर्मी में भी बकरी के बच्चों को निमोनिया हो जाता है. इसलिए खासतौर पर ठंड के मौसम में बच्चों की सुरक्षा बहुत जरूरी हो जाती है.
ट्रॉयल के तौर पर इस सिस्टम को लोहे की जाली के ऊपर बनाया है. जाली के पीछे प्लास्टिक की शीट्स लगाई गई हैं. इसके पीछे कुशन के पैनल लगाए जाते हैं. इस तरह बाहर की ठंडी हवा अंदर शेड में नहीं आती है. अंदर और गर्मी पैदा करने के लिए कुछ ज्यादा वॉट्स की लाइट लगाई जाती हैं. ऐसा सब करने से शेड के अंदर घुटन न हो इसके लिए एक एग्जॉस्ट फैन लगा दिया गया है. शेड में बिजली की सप्लाई बराबर बनी रहे इसके लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया गया है. ऐसा करने से बच्चे बाहर के ठंडे मौसम से बच जाते हैं.
डॉ. चेतली का कहना है कि ये शेड बरसात के लिए चारे का इंतजाम भी करता है. जैसे बरसात के दिनों में हरा चारा बहुत होता है. लेकिन उसके अंदर नमी बहुत ज्यादा होती है, इसलिए उसे साइलेज या हे बनाकर नहीं रखा जा सकता है. और सुखाने की बात करें तो बरसात में हरे चारे को सुखाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है. इसलिए इस खास सोलर ड्रॉयर का इस्तेमाल बरसात के दिनों में हरा चारा सुखाने में भी किया जा सकता है. और जैसे ही सर्दी शुरू हों तो बकरियों को सूखा हुआ चारा खिलाने के साथ ही बच्चों को रखने के लिए सूखी घास की तरह से जमीन पर बिछाया भी जा सकता है.
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