गर्मी में इन बीमारियों की चपेट में आ सकती है गाय, ऐसे पहचानें लक्षण और करें ये उपाय

गर्मी में इन बीमारियों की चपेट में आ सकती है गाय, ऐसे पहचानें लक्षण और करें ये उपाय

कई बार पशु बीमार रहता है, लेकिन पशुपालक को समझ नहीं आता कि वास्‍तव में पशु को क्‍या समस्‍या हो रही है. इसलिए आज हम आपको गर्मी के मौसम में गायों को होने वाली ऐसी बीमारियों, उनके लक्षणों और इलाज के तरीके और सलाह देने जा रहे हैं. हालांकि कई बीमारियां बारिश या अन्‍य सीजन में भी गाय को हो सकती हैं.

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गर्मी में इन बीमारियों की चपेट में आ सकती है गाय, ऐसे पहचानें लक्षण और करें ये उपायगर्मी में कई बीमारियों की चपेट में आ सकती है गाय (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारत में लोग बड़ी संख्‍या में गाय पालते हैं. कहा जाता है कि देश में कुछ दशक पहले तक घर में गाय पालने का चलन था, लेकिन बदलते वक्‍त और तेजी से होते शहरीकरण के साथ अब यह सि‍र्फ ग्रामीण इलाकों तक ही सीमित रह गया है. अब शहर में ज्‍यादातर लोग व्‍यवसाय के तौर पर ही गोपालन करते हैं. गांवों में ज्‍यादा सुविधाएं नहीं होने के कारण पशुओं के इलाज में दिक्‍कतों को सामना करना पड़ता है. वहीं, अब गर्मी का मौसम चल रहा है और गायों की देखभाल करना वैसे ही कोई आसान काम नहीं है. अगर जानकारी का अभाव होने से रखरखाव में ऊंच-नीच हो जाए तो गाय बीमारी की चपेट में आ जाती है. 

ऐसे में कई बार पशु बीमार रहता है, लेकिन पशुपालक को समझ नहीं आता कि वास्‍तव में पशु को क्‍या समस्‍या हो रही है. इसलिए आज हम आपको गर्मी के मौसम में गायों को होने वाली ऐसी बीमारियों, उनके लक्षणों और इलाज के तरीके और सलाह देने जा रहे हैं. हालांकि कई बीमारियां बारिश या अन्‍य सीजन में भी गाय को हो सकती हैं.

थनैला रोग

थनैला रोग के कारण गाय को थनों में दिक्कत होती है और दूध में छर्रे आने की समस्‍या देखी जा सकती है. अगर गाय के थनों में सूजन दिख रही है तो समझ जाएं की यह थनैला रोग है. थनैला के इलाज के लिए अलग-अलग दवाएं दी जाती हैं. इस बीमारी की पहचान और बचाव के लिए पशु के दूध और थन की समय-समय पर जांच करना अच्‍छा रहता है.

गलघोंटू बुखार

इस समय गायों को गलघोंटू बुखार हो सकता है. इस बीमारी के कारण गाय को सांस लेने में दिक्कत होती है और गले में सूजन देखी जा सकती है. इसके इलाज और बचाव के लिए गाय को एंटीबायोटिक दवा और इंजेक्शन दिया जाता है. सावधानी के तौर पर बारिश के मौसम से पहले गाय का टीकाकरण करा लेना चाहिए. 

मिल्क फीवर

मिल्क फीवर बीमारी के कारण गाय के शरीर का तापमान कम हो जाता है और सांस लेने में दिक्‍कत होती है. अगर गाय प्रसव के 15 दिन तक पूरा दूध नहीं निकालें तो उसे कैल्शियम युक्‍त आहार और सप्लीमेंट देना चाहि‍ए.

लंगड़ा बुखार

अगर गाय को 106-107 डिग्री तक बुखार आ रहा है और उसके पैरों में सूजन दिख रही है और वह लंगड़ाकर चल रही है तो यह लंगड़ा बुखार के लक्षण हैं. इस बीमारी से बचान के लिए बारिश का सीजन आने से पहले गायों का टीकाकरण करा लें. अगर कोई गाय इस बीमारी से ग्रसित है तो उसे अन्‍य गायों से दूर कर दें, ताकि उनमें बीमारी न फैले. 

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