Animal Care in Pregnancy इंसान हो या पशु गर्भवस्था का वक्त बहुत खास होता है. इस हालात में बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. यहां तक की खानपान का भी खास ख्याल रखना होता है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो अगर गर्भवस्था के दौरान न सिर्फ खानपान में बल्किर देखभाल में भी जरा सी कोताही हो जाए तो इसका सीधा असर गाय-भैंस और उसके होने वाले बच्चे पर पड़ता है. यहां तक की कुछ खास वजहों के चलते होने वाला बच्चा अंधा भी हो सकता है. इसीलिए गर्भवती गाय-भैंस को खुराक से लेकर देखभाल तक खास तरह की चाहिए होती है.
यहां तक की शेड भी अलग बनाना होता है. उसे दूसरी सामान्य भैंसों से अलग रखा जाता है. गर्भकाल के दौरान जरा सी भी लापरवाही गाय-भैंस को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है. गाभिन गाय-भैंस की खास देखभाल और खुराक इसलिए भी जरूरी हो जाती है कि गाय-भैंस हो या भेड़-बकरी उसका दूध उत्पादन बच्चा देने के बाद ही होता है.
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि जब भैंस गाभिन होती है तो उसे अपने भरण-पोषण के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी खुराक की जरूरत होती है. और खासतौर पर जब आखिरी तीन महीने चल रहे होते हैं तो गर्भ में पल रहे बच्चे की बढ़वार बहुत तेजी से होती है. और सबसे खास बात ये कि इसी महीने में भैंस अगली ब्यांत में दूध देने के लिए अपने को तैयार करती है. अगर इस दौरान खुराक देने में जरा सी भी ऊंच-नीच होती है तो उसका सीधा असर दूध उत्पादन पर पड़ता है. साथ ही भैंस और बच्चे को कई तरह की परेशानियां भी होने लगती हैं. इसलिए जरूरी है कि भैंस की खुराक में गर्भावस्था के समय 40-50 ग्राम खनिज लवण मिश्रण जरूर शामिल करना चाहिए.
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