Engineering Day: हाईटेक हो गया पशुपालन, टेक्नोलॉजी से बढ़ी डेयरी की रफ्तार, पढ़ें डिटेल 

Engineering Day: हाईटेक हो गया पशुपालन, टेक्नोलॉजी से बढ़ी डेयरी की रफ्तार, पढ़ें डिटेल 

Engineering Day in India दूध उत्पादन बढ़ाने, पशु नस्ल सुधार करने के लिए पशुपालन और डेयरी में नई-नई हाईटेक टेक्नोलॉजी इस्तेमाल हो रही है. जिससे पशुपालकों और डेयरी फार्मर की इनकम को बढ़ाया जा सके. इसके लिए ही केन्द्र सरकार पशुपालन और डेयरी विभाग पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF) के तहत टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे रही है. 

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Engineering Day: हाईटेक हो गया पशुपालन, टेक्नोलॉजी से बढ़ी डेयरी की रफ्तार, पढ़ें डिटेल मध्‍य प्रदेश को देश की मिल्‍क कैपि‍टल बनाने की तैयारी

Engineering Day in India सुबह से शाम तक पशुओं को बाहर खुले मैदान में चराओ, शाम को दूध निकालो और बेच दो. पशुपालन और डेयरी का ये एक पुराना तरीका है. लेकिन अब ऐसा नहीं है. डेयरी और पशुपालन अब दोनों ही हाईटेक हो चुके हैं. पशुओं को अब सिर्फ चारा नहीं पौष्टिमक चारा खि‍लाया जाता है. चारे के साथ ही पशुओं की नस्ल सुधार पर जोर दिया जाता है. इतना ही नहीं पशुपालन और डेयरी विभाग पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF) के तहत नई-नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया जा रहा है. डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट में आटोमेशन तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. 

सेंसर-आधारित चारा और जल प्रबंधन प्रणालियां, टीका उत्पादन टेक्नि़क और एनिमल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए बायोडाइजेशन और खाद बनाने जैसी तकनीक अपनाई जा रही हैं. केन्द्र सरकार डेयरी और पशुपालन में नई-नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे रही है. डेयरी में मार्केटिंग और प्रोसेसिंग से जुड़ी टेक्नोलॉजी पर काम किया जा रहा है. इसके लिए सरकार कई बड़ी योजनाओं पर करोड़ों रुपये का बजट भी दे रही है. ये योजनाएं राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत चल रही हैं. 

सेक्स सॉर्टेट सीमन टेक्नोलॉजी से बढ़ रहा दूध उत्पादन 

  • सेक्स सॉर्टेट सीमन के इस्तेमाल को बढ़ाया जा रहा है. 
  • पांच सरकारी वीर्य केंद्रों पर सेक्स सॉर्टेट सीमन सर्विस दी जा रही है. 
  • अब तक देश में 125 लाख सेक्स सॉर्टेट सीमन स्ट्रॉ का उत्पादन हो चुका है.
  • निजी वीर्य केंद्रों से उत्पादित वीर्य डोज भी इस टारगेट में शामिल हैं. 
  • सेक्स सॉर्टेट सीमन पर पशुपालकों को 50 फीसद की छूट दी जाती है. 
  • सेक्स सॉर्टेट सीमन को स्वदेशी और किफायती बनाया गया है. 
  • अक्टूबर 2024 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने इसे लॉन्च किया था. 
  • देशभर में हर छोटे-बड़े आठ करोड़ पशुपालकों को इसका फायदा मिलेगा. 
  • इस तकनीक से 90 फीसद केस में बछिया ही पैदा होती है. 

IVF से सुधार रही है पशुओं की नस्ल 

  • देशभर में  23 गोजातीय आईवीएफ लैब चालू की गई हैं. 
  • अब तक 26987 भ्रूणों का प्रजनन किया जा चुका है. 
  • 14993 भ्रूण गायों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं. 
  • आईवीएफ तकनीक की मदद से 2361 बछड़ों का जन्म हो चुका है. 
  • आईवीएफ तकनीक किसानों के घर तक पहुंचाई जा रही है. 
  • एक सफल आईवीएफ केस पर पशुपालकों को पांच हजार रुपये दिए जाते हैं. 
  • देश में पहली बार राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत गोजातीय आईवीएफ तकनीक शुरू की गई है.
  • एनडीडीबी और पशुपालन विभाग ने सितंबर 2024 को आईवीएफ लॉन्च किया था. 
  • पशुधन, डेयरी और पशुपालन क्षेत्रों में मौजूदा और उभरते स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जा रहा है. 
  • स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2023 हैदराबाद में कॉन्क्लेव आयोजित किया गया था. 

निष्कर्ष-

पशुपालन और डेयरी प्लांट दोनों ही जगह हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. दूध की उत्पादकता और डेयरी प्रोडक्ट की खपत बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार योजनाओं और टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है. इसका फायदा ये होगा कि डेयरी प्रोडक्ट की खपत बढ़ेगी, जिससे उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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