Fish Pond Care तालाब में मछली का हेल्दी रहना और उनकी ग्रोथ पानी की क्वालिटी पर निर्भर करता है. अगर पानी में जरा सी भी गड़बड़ हुई तो फिर मछलियां बीमार हो जाएंगी या फिर वो मरने लगेंगी. इसलिए मछली पालन शुरू करने से पहले तालाब में भरे जाने वाले पानी के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है. क्योंकि तालाब में पानी कम और ज्यादा हो जाए तो दोनों ही वजह से नुकसान हो सकता है. यहां तक की तालाब पर सूरज की सीधी धूप भी बहुत जरूरी होती है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर तालाब में दूसरे जीव-जन्तु पनपने लगते हैं.
मछली पालक एमडी खान ने बताया कि मछली पालन के लिए तैयार किए गए टैंक या तालाब खुले में ऐसी जगह होने चाहिए जहां सूरज की सीधी धूप पड़ती हो. पानी में सीप और घोंघे आदि जीव-जन्तु न पनपने पाएं. मछलियों को मांसाहारी जीव-जन्तु से बचाने के लिए जाल का इस्तेमाल करना चाहिए. एक्सपर्ट की सलाह पर पानी में दवा का छिड़काव करते रहें.
एमडी सिंह का कहना है कि गर्मी-सर्दी में तालाब और टैंक के पानी का खासतौर पर ख्याल रखा जाता है. अगर सर्दी है तो तालाब और टैंक के पानी को ज्यादा ठंडा न होने दें. सुबह-शाम मोटर चलाकर ताजा पानी को मिलाकर तालाब के पानी को सामान्यै कर दें. इसी तरह से गर्मी में ताजा पानी चलाकर उसकी गर्महाट को कम कर दें. इसके लिए तालाब के पास पानी की बड़ी मोटर का इंतजाम करके रखें.
पानी में प्रदूषण के चलते ऑक्सीबजन की मात्रा कम होना एक सामान्य बात है. लेकिन बड़ी बात यह है कि इसके चलते मछली पालक को कई बार बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. ऑक्सीजन की कमी के चलते मछलियां मरने लगती हैं. इसलिए समय-समय पर उपकरण की मदद से पानी का ऑक्सीजन और पीएच लेवल जांच लेना चाहिए. अगर ऑक्सीजन की कमी ज्यादा है तो मशीनों की मदद से ऑक्सीजन पानी में छोड़ी जानी चाहिए.
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