Milk Price Hike: गर्मी ही नहीं सर्दियों में भी दूध महंगा होने की ये हैं दो बड़ी वजह

Milk Price Hike: गर्मी ही नहीं सर्दियों में भी दूध महंगा होने की ये हैं दो बड़ी वजह

Fodder Crisis गर्मियों की बात तो छोड़िए सर्दियों में भी दूध के दाम बढ़ रहे हैं. दाम बढ़ने के पीछे की वजह क्या. है, ऐसे वो कौन से बड़े कारण हैं जो डेयरी कंपनियां लगातार दाम बढ़ाने को मजबूर हैं. इन्हीं सब वजह पर रोशनी डाल रहे हैं बिहार एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (बासु), पटना के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रंजीत सिंह.

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Milk Price Hike: गर्मी ही नहीं सर्दियों में भी दूध महंगा होने की ये हैं दो बड़ी वजहदूध का प्रतीकात्मक फोटो.

Fodder Crisis दो-तीन साल से लगातार दूध के दाम बढ़ रहे हैं. अब ये कोई जरूरी नहीं कि सिर्फ गर्मियों में ही दूध के दाम बढ़ते हैं. सर्दियों में भी दूध के दामों में इजाफा होने लगा है. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो इसके पीछे दो बड़ी वजह हैं. एक तो हरे और सूखे चारे ने डेयरी की लागत बढ़ा दी है. वहीं दूसरी ओर दूध की डिमांड ज्यादा बढ़ रही है और उत्पादन कम हो रहा है. दूध उत्पादन कम होने की वजह पशुओं की संख्या का न बढ़ना बताया जा रहा है. हालांकि केन्द्र सरकार डेयरी से जुड़ी दो-तीन बड़ी परेशानियों को दूर करने पर काम कर रही है. चार की कमी को दूर करने के लिए साइलेज और हे पर काम चल रहा है. चारागाह बढ़ाने की कोशि‍श हो रही है. चारागाह की बहुत सारी जमीन पर अतिक्रमण हो चुका है. 

यही वजह है कि बीते दो-तीन साल में डेयरी कंपनियों ने तीन महीने में दो-दो बार दूध के दाम बढ़ाए हैं. जिसका असर ग्राहक की जेब पर पड़ रहा है. यही वजह है कि ग्राहक भी डेयरी एक्सपर्ट से पूछने को मजबूर है कि दूध पर ऐसी कौन सी गाज गिर रही है जो लगातार दाम बढ़ रहे हैं. गर्मियों में दूध के दाम बढ़ने का गणित तो ग्राहक चारे की कमी से निकाल लेता है, लेकिन जब सर्दियों में दाम बढ़ते हैं तो रिटेल ग्राहक सोचने को मजबूर हो जाता है. और बीते तीन साल से यही हो रहा है. 

मक्का, सोया और बाजरे ने बिगाड़ दिया डेयरी का खेल 

वीसी डॉ. इन्द्रजीत सिंह का कहना है कि पशुपालन में जो सबसे ज्यादा खर्च होता है वो चारा यानि फीड पर होता है. एक मोटे अनुमान के मुताबिक पशुपालक का फीड पर 75 से 80 फीसद तक खर्चा आता है. अब अगर गाय-भैंस से अच्छा और ज्यादा दूध चाहिए तो अच्छा फीड भी खिलाना होगा. और अच्छा फीड बनता है मक्का और सोयाबीन से. हालांकि मौसम और जरूरत के हिसाब से पशुओं को बाजरा भी दिया जाता है. लेकिन बीते कुछ साल से मक्का का बाजार देखें तो उनके दाम आसमान को छू रहे हैं. और सबसे बड़ी बात ये भी है कि देश का बड़ा पोल्ट्री कारोबार भी मक्का और सोयाबीन का इस्तेमाल फीड के लिए करता है. सर्दियों में उसे भी बाजरे की जरूरत पड़ती है. एमएसपी तय होने के बाद से तो इनके दाम और बढ़ गए हैं. 

दूध की डिमांड ज्यादा और उत्पादन कम

वीसी डॉ. इन्द्रजीत सिंह ने दूध के दाम बढ़ने के पीछे एक और बड़ी वजह बताते हुए कहा कि खासतौर से कोरोना के बाद दूध और दूध से बने प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ी है. साल 2020 के बाद से दूध और उसके प्रोडक्ट की डिमांड हर साल करीब 10 फीसद बढ़ रही है. जबकि दूध उत्पादन की बात करें तो वो सिर्फ छह फीसद की दर से ही बढ़ रहा है. ये जो चार फीसद का गैप है ये भी दूध के दाम बढ़ने की बड़ी वजह में शुमार है. क्योंकि बाजार का तो सीधा सा फंडा है कि जिसकी डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम हो तो उसके दाम तो बढ़ ही जाते हैं.  

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