भैंस पालनMineral Mixture for Animal पशुओं के लिए जितना जरूरी हरा चारा होता है तो उतना ही सूखा चारा भी जरूरी है. खासतौर पर जब आपका पशु दुधारू हो. दूध देने वाली गाय-भैंस के पालक की एक ही चाहत होती है कि उसका पशु ज्यादा से ज्यादा दूध दे. इसीलिए एनिमल एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि पशुओं को हरे और सूखे चारे संग मिनरल मिक्चर भी खिलाना चाहिए. क्योंकि मिनरल मिक्चर न सिर्फ पशु का पेट भरता है बल्कि सेहत को ठीक रखने के साथ उत्पादन भी बढ़ाता है. पशु में बांझपन की समस्या भी जल्दी-जल्दी नहीं होती है.
लेकिन ये भी हकीकत है कि अगर मिनरल मिक्चर एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक नहीं खिलाया जाए और खिलाने में लापरवाही बरती गई तो इससे नुकसान भी बहुत होता है. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी), हिसार, हरियाणा भी मिनरल मिक्चर सही तरीके से खिलाने के टिप्स बताता है. इतना ही नहीं, एक्सपर्ट के मुताबिक मौसम और वक्त जैसे सुबह-दोपहर, शाम के हिसाब से भी पशुओं की खुराक तय होती है.
सीआईआरबी के रिटायर्ड साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह का कहना है कि मिनरल मिक्सचर को चारे के साथ अच्छी तरह मिलाकर खिलाने से कम गुणवत्ता और कम स्वाद वाले चारे की भी खपत बढ़ जाती है. इसके चलते चारे की बरबादी नहीं होती है. क्योंकि भैंस चुन-चुन कर खाने की आदत के कारण बहुत सारा चारा खाने के दौरान बरबाद कर देती है.
एकसपर्ट का कहना है कि भैंस को दाना मिक्सचर खिलाने से पहले उसे अच्छी तरह से पीस लेना चाहिए. क्योंकि अगर साबुत दाना मिक्सचर भैंस को खाने में दिया तो वो गोबर के साथ निकल जाता है. इसलिए ठीक तरह से पिसा दाना मिक्सचर ही भैंस को खिलाना चाहिए. क्योंकि खराब तरह से पिसा दाना मिक्सचर भैंस को पचता भी नहीं है. भैंस को खिलाने से पहले दाना मिक्सचर को भिगोने से वह और स्वादिष्ट-पाचक हो जाता है.
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