Seafood Export: अमेरिकी टैरिफ के बाद भी पहली छमाही में बढ़ा सीफूड एक्सपोर्ट, जानें क्या कहता है आंकड़ा 

Seafood Export: अमेरिकी टैरिफ के बाद भी पहली छमाही में बढ़ा सीफूड एक्सपोर्ट, जानें क्या कहता है आंकड़ा 

Increase Seafood Export अमेरिका की ओर से भारत के प्रोडक्ट पर टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद से सीफूड एक्सपोर्ट घट गया था. क्योंकि एक्सपोर्ट में शामिल झींगा का एक बड़ा नंबर अमेरिका को एक्सपोर्ट होता है. अमेरिका और चीन झींगा के बड़े खरीदार हैं. इसमे से अमेरिका को झींगा का एक्सपोर्ट जीरो हो गया था. लेकिन अब दूसरे देशों के आने से सीफूड एक्सपोर्ट का आंकड़ा बढ़ रहा है. 

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Seafood Export: अमेरिकी टैरिफ के बाद भी पहली छमाही में बढ़ा सीफूड एक्सपोर्ट, जानें क्या कहता है आंकड़ा प्रतीकात्मक फोटो.

Increase Seafood Export अमेरिका ने भारत से एक्सपोर्ट होने वाले माल पर टैरिफ बढ़ा दिया. जिसकी नतीजा ये हुआ कि भारत से एक्सपोर्ट होने वाले कई अलग-अलग प्रोडक्ट की बिक्री में कमी आ गई. खासतौर से झींगा और सीफूड के बाजार पर भी इसका बड़ा असर पड़ा. लेकिन ऐसे में खुशखबरी ये है कि टैरिफ बढ़ने के साथ ही सीफूड एक्सपोर्ट ने छलांग लगाई है. वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में सीफूड एक्सपोर्ट का आंकड़ा बढ़ गया है. वहीं एक्सपोर्टर का कहना कि एक्सपोर्ट के आंकड़े में ये बढ़ोतरी सितम्बर महीने में हुई है.

इस बढ़ोतरी को क्रि‍समस और न्यू ईयर की डिमांड से भी जोड़कर देखा जा रहा है. जबकि इससे पहले के दो महीने में एक्सपोर्ट बहुत कम था. वहीं एक्सपोर्टर की ओर से ये भी कहा जा रहा है कि कई और ऐसे देश से झींगा की डिमांड आ रही है जो प्रोटीन की तलाश में बाजार को देख रहे हैं. जिसके चलते झींगा की डिमांड बढ़ रही है. 

इसलिए 17 फीसद बढ़ गया सीफूड एक्सपोर्ट 

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका को होने वाले एक्सपोर्ट में गिरावट के बावजूद भारत का वित्त वर्ष की पहली छमाही में सीफूड एक्सपोर्ट 17 फीसद बढ़ा है. इसे एक बड़ी बढ़ोतरी के रूप में देखा जा रहा है. सितम्बर तक भारत से एक्सपोर्ट होने वाले सीफूड का आंकड़ा 3974 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया था. जबकि बीते साल इसी छमाही में ये आंकड़ा 3385 मिलियन डॉलर का था. रिपोर्ट में बताया गया है कि वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी अनुमानों के अनुसार अकेले सितंबर में एक्सपोर्ट 23.4 फीसद से बढ़कर 781.02 मिलियन डॉलर हो गया जो एक साल पहले 632.70 मिलियन डॉलर था.

किंग्स इंफ्रा के प्रबंध निदेशक शाजी बेबी जॉन का कहना है कि सीफूड बाजारों में ये आंकड़ा खासतौर पर क्रिसमस और न्यू ईयर की डिमांड के चलते बढ़ा है. वहीं उनका ये भी कहना है कि अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद से वाणिज्य मंत्रालय, समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (MPEDA) सीफूड सेक्टर की मिली-जुली कोशि‍शों के चलते सीफूड एक्सपोर्ट बाजार को पकड़ रहा है. 

बेबी जॉन का कहना है कि किसान अब गैर-अमेरिकी बाज़ारों में पसंद किए जाने वाले मीडियम साइज के झींगा की खेती पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, न कि बड़े आकार के झींगा पर. इतना ही नहीं यूरोप, दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य पूर्व में निर्यात इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं द्वारा उच्च-प्रोटीन विकल्पों की तलाश के कारण झींगा की लोकप्रियता बढ़ रही है. साथ ही चीन, वियतनाम और थाईलैंड को बढ़े एक्सपोर्ट के आंकड़े ने अमेरिका को जाने वाले एक्सपोर्ट में छह फीसद भरपाई करने में मदद की है.

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