Lumpy Disease: हरियाणा के हिसार में लंपी बीमारी फैलने का खतरा, मिले संदिग्ध केस Lumpy Disease: हरियाणा के हिसार में लंपी बीमारी फैलने का खतरा, मिले संदिग्ध केस
Lumpy Disease in Cow सर्दियां शुरू होते ही लंपी का खतरा बढ़ गया है. जानकारों के मुताबिक हरियाणा के हिसार में लंपी के कुछ संदिग्ध केस मिलने की खबर है. जिसके बाद जिले का पशुपालन विभाग सक्रििय हो गया है. वहीं पशुपालकों को खासतौर से गायों की देखभाल के संबंध में एडवाइजरी जारी की जा रही है. वैक्सीनेशन को लेकर भी जागरुक किया जा रहा है.
एक बार फिर बढ़ रहा लंपी रोग का खतरा नासिर हुसैन - Delhi,
- Nov 06, 2025,
- Updated Nov 06, 2025, 10:46 AM IST
Lumpy Disease in Cow हरियाणा के हिसार से आ रही खबर ने पशुपालकों को चौंकन्ना कर दिया है. जानकारों की मानें तो हिसार में लंपी के कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं. कुछ पशुओं की मौत हो जाने की भी खबर आ रही है. मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले का पशुपालन विभाग सक्रिय हो गया है. गौशालाओं से लेकर सड़क तक विभाग की टीम को अलर्ट कर दिया गया है. इतना ही नहीं छुट्टी पर चल रहे पशु चिकित्सकों को भी वापस डयूटी पर बुला लिया गया है. गौशाला और गोअभारण्य की खास निगरानी की जा रही है.
लंपी के असर से बचाने के लिए गायों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है. साथ ही खासतौर पर कुछ दिनों के लिए गौशाला और गोअभारण्य के लिए अलग से नियम बनाए गए हैं. पशुपालन विभाग ने फील्ड टीम को डाटा जमाकर रिपोर्ट मांगी गई हैं. रिपोर्ट के बाद ही लंपी से निपटने के लिए रणनीति बनाई जाएगी. अभी के लिए गौशाला और अभारण्य में में आने वाली गायों को अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं.
लंपी फैलने का खतरा हो तो अपनाए ये टिप्स
- बीमार पशुओं को फौरन अलग कर दें.
- बीमार पशुओं का डाक्टर की सलाह पर उपचार शुरू कर दें.
- चार्ट के मुताबिक सभी पशुओं का समय पर वैक्सीनेशन कराएं.
- पशुओं के बाड़े में साफ-सफाई और स्वच्छता बनाए रखें.
- पशुओं के बाड़े में कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें।
- पशुओं के घाव हो रहे हों तो उन्हें एंटीसेप्टिक से साफ करें.
- पशुओं के घाव पर फ्लाई-रिपेलेंट दवाई लगाएं.
- सभी पशुओं की नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं.
- पशुओं को दवाई दिए जाने और वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड रखें.
- मक्खी, मच्छर, जूं और किलनी से बचाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करें.
- बीमार पशु को पौष्टिक चारा, मिनरल मिक्सचर और साफ पानी पिलाएं.
- संक्रमित पशु के बर्तन, रस्सी, दूध निकालने के उपकरण अलग रखें.
- बीमार पशु को अच्छी छांव और हवादार जगह पर ही रखें.
- लंपी पीडि़त पशु की मौत हो जाए तो उसके शव को गड्डे में चूना डालकर गाड़ दें.
- जहां भी लंपी बीमारी दिखाई दे तो फौरन पशु-चिकित्सक को सूचना दें.
लंपी का खतरा हो तो न करें ये काम
- बीमार पशुओं को हेल्दी पशुओं के साथ कभी न रखें.
- बीमार पशुओं को खुले में न छोड़ें और बिना सुरक्षा (ग्लब्स) के घाव को न छुएं.
- बीमार पशु को हाट, मेला या एक जगह से दूसरी जगह न ले जाएं.
- गंदगी, गोबर या पानी को पशुओं के बाड़े के आसपास जमा न होने दें.
- बिना डाक्टरी सलाह के पीडि़त पशुओं को दवाइयां न दें.
- बीमार पशु का दूध, मी या दूसरे प्रोडक्ट इस्तेमाल न करें.
- कीट नियंत्रण (मक्खी मच्छर, किलनी) की अनदेखी न करें.
- पीडि़त मरे पशु को खुली जगह या तालाब-नदी के पास फेंकना-गाड़ना मना है.
- बीमार पशु को लंबी दूरी तक ले जाकर बेचने या खरीदने से बचें.
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