Camel in Pushkar Fair: पुष्कर पशु मेले में खूब हो रही ऊंटों की बिक्री, ये है खास वजह 

Camel in Pushkar Fair: पुष्कर पशु मेले में खूब हो रही ऊंटों की बिक्री, ये है खास वजह 

Camel in Pushkar Fair भारत में ऊंटनी के दूध को लेकर बहुत काम हो रहा है. सरकार भी इसमे खासी मदद कर रही है. जिससे ऊंटों की घटती हुई संख्या को रोका जा सके. साथ ही सरकार ऊंटनी के दूध कारोबार को भी बढ़ावा दे रही है. भारत ही नहीं विदेशों में ऊंटनी के दूध की बहुत डिमांड है.

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पुष्कर पशु मेले में खूब हो रही ऊंटों की बिक्री, ये है खास वजह ऊंटनी का दूध

Camel in Pushkar Fair पुष्कर, राजस्थान में पशु मेला चल रहा है. कई तरह के पशु मेले में आ रहे हैं. लेकिन सरकारी रिकॉर्ड बताता है कि मेले में ऊंटों की बिक्री खूब हो रही है. हालांकि ऊंटों की ज्यादा बिक्री कोई नई बात नहीं है. लेकिन जानकारों का कहना है कि इस बात खास बात ये है कि ऊंटों के खरीदार ऐसे लोग ज्यादा हैं जो पहली बार ऊंट पालन कर रहे हैं या कर चुके हैं और ऊंटों की संख्या को अपने यहां बढ़ाना चाहते हैं. ये वो लोग हैं जो ऊंटनी के दूध और दूध से बने प्रोडक्ट का कारोबार कर रहे हैं. 

कुछ ऐसे भी पुराने ऊंट पालक हैं जिन्होंने पहले ऊंटों की संख्या कम कर दी थी, लेकिन अब जब दूध की डिमांड बढ़ रही है तो ये ऊंटनियां खरीदने आए हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि ऊंटनी का दूध कई गंभीर बीमारियों में दवाई की तरह काम करता है. पाली, राजस्थान से ऊंटनी का दूध लेकर स्पेशल ट्रेन देश के अलग-अलग इलाकों में पहुंचाती है. ऊंटनी का दूध डायबिटीज, टीबी और ऑटिज्म जैसी बीमारी में बहुत फायदा पहुंचाता है. 

ये हैं ऊंटनी के दूध से जुड़ीं कुछ खास बातें 

  • ऊंटनी का दूध थोड़ा नमकीन होता है. लेकिन इसका स्वाद ऐसा है कि इसे बड़े ही आराम से पिया जा सकता है. दूध में नमकीन स्वाद रेगिस्तान में ऊंट द्वारा खाए जाने वाले पौधों से आता है. 
  • ऊंटनी के दूध को भी दूसरे पशु दूध की तरह से कमरे के तापमान पर लम्बे वक्त तक रखा जा सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि ऊंट के ताजे दूध को 30°C पर आठ घंटे तक रखा जा सकता है. 
  • ऊंटनी के पाश्चुरीकृत दूध को 4ºC पर 10 दिनों से अधिक समय तक रखा जा सकता है. और जब दूध में लैक्टोपेरोक्सिडेस सिस्टम सक्रिय होता है, तो ताजा दूध को 30ºC पर लगभग 20 घंटे तक रख सकते हैं.
  • ऊंटनी का दूध गाय, भैंस, भेड़, बकरी, याक आदि के दूध की तुलना में पतला और कम चिपचिपा होता है, लेकिन जब दूध को हिलाया जाता है, तो यह झागदार हो जाता है और गाढ़ा दिखाई देता है.
  • ऊंटनी का दूध पीने से दस्त नहीं होते हैं, लेकिन यह कुछ हद तक पाचक प्रभाव डालता है और मल त्याग में मदद करता है.
  • ऊंटनी के दूध से दही बनाने के दौरान ऊंटनी के दूध में फॉर्मेंटेशन होता है. इसके चलते अन्य दूध की तुलना में इस बनने में ज्यादा वक्त लगता है. 
  • अन्य दूध से बने दही की बनावट ऊंटनी के दूध में नहीं आती है. इसकी कई वजह हैं, जैसे ऊंटनी के दूध में के-कैसिइन की बहुत कम मात्रा, प्रोटीन अणुओं के साथ वसा का घनिष्ठ बंधन और नमक की उच्च मात्रा हो सकती है. 
  • ऊंटनी के दूध में फैट की मात्रा 1.5 से 3.5 के बीच होता है, जो मवेशियों और भैंसों के दूध से कम है.
  • ऊंटनी के दूध में इंसुलिन की मात्रा ज्यादा होती है (करीब 40 µIU/ml).
  • ऊंट रिसर्च सेंटर द्वारा विभिन्न डेयरी प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं जैसे- चाय, कॉफी, फ्लेवर्ड मिल्क, फॉर्मेंट दूध, पाश्चुरीकृत दूध, कुल्फी, पनीर, मावा, गुलाब जामुन, बर्फी, रसगुल्ला, पेड़ा और दूध पाउडर आदि.
  • शोधकर्ताओं का दावा है कि ऊंटनी के दूध में इंसुलिन की उच्च मात्रा के कारण इसका सेवन मनुष्यों में टाइप-1 डायबिटीज के प्रबंधन में प्रभावी भूमिका निभाता है. 
  • ऊंटनी का दूध इंसानों में विभिन्न प्रकार के तपेदिक रोगों के उपचार में भी कारगर बताया गया है.
  • ऊंटनी के दूध की प्रोटीन संरचना मानव दूध जैसी होती है और यह बच्चों में एलर्जी पैदा नहीं करती है.
  • ऊंटनी के दूध के सेवन से इंसानों में लैक्टोज इनटॉलरेंस की रिपोर्ट नहीं की गई है.
  • ऊंटनी के दूध से पनीर, आइसक्रीम समेत दूसरे पदार्थ बनाए जा रहे हैं. 
  • ऊंटनी के दूध से और क्या-क्या बनाया जा सकते हैं इसकी ट्रेनिंग बीकानेर में दी जाती है. 
  • पदार्थ बनाने की टेक्नोलॉजी भी मामूली फीस के साथ दी जाती है. 

मेले में ऊंटों की बिक्री 

पुष्कर पशुपालन विभाग ने मेले में होने वाली बिक्री के बारे में बताया है कि 28 अक्टूबर तक मेले में 1420 ऊंट बिक्री के लिए पहुंच चुके हैं. मंगलवार को ही 114 ऊंट बिक्री के लिए पहुंचे हैं. हर रोज 100 के करीब ऊंट बिक्री के लिए मेले में आ रहे हैं. हालांकि मेले में पहुंचने वाले पशुओं की संख्या पर बात करें तो पहले नंबर पर घोड़े हैं. अब तक मेले में 3427 घोड़े पहुंच चुके हैं. बड़ी संख्या में लोग दूसरे राज्यों से राजस्थान में घोड़े खरीदने आते हैं.   

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