प्रतीकात्मक फोटो.Buffalo Breeder Bull नौ करोड़ी बुल युवराज की मौत अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई है. वहीं युवराज की मौत के बाद से ब्रीडर्स में हड़कंप मच गया है. देखते ही देखते दो महीने के अंदर ही युवराज की मौत हो गई. जानकारों की मानें तो युवराज को नसों संबंधी कोई बीमारी हुई थी. जिसका अच्छा खासा इलाज भी चल रहा था. इलाज नेशनल और स्टेट लेवल पर मिलाकर करीब 27 बार चैम्पि यन रहा है. आज उसके सीमन से पैदा होने वाले बछड़ों की संख्या दो से ढाई लाख है. हरियाणा-पंजाब ही नहीं देश के दूसरे राज्यों में भी युवराज का सीमन बिक्री के लिए जाता था.
क्योंकि पशुओं को कृत्रिम रूप (AI) से गाभिन कराने में खासी जागरुकता आई है. इसलिए अब ज्यादातर पशुपालक अपने पशुओं को कृत्रिम रूप से गाभिन कराते हैं. फिर वो चाहें गाय-भैंस हो या भेड़-बकरियां. युवराज की मौत को देखते हुए एनिमल एक्सपर्ट ने इस बदलते मौसम और उसके बाद ठंड में बुल की देखभाल की खास हिदायत दी है. उनका कहना है कि ऐसे मौसम में बुल को मौसमी बीमारियों से बचाना भी जरूरी हो जाता है.
अगर आप भी इस नए बढ़ते बाजार में सीमन बेचकर लाखों रुपये कमाना चाहते हैं तो आज से ही ब्रीडर बुल को तैयार करना शुरू कर दें. उसके रहन-सहन, खानपान, हैल्थ और उसकी देखाभाल पर खास ध्यान देना शुरू कर दें. दूसरे देशों में प्रति पशु दूध उत्पादन ज्यादा है, इसी कमी को दूर करने के लिए सरकारें भी कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा दे रही है.
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