NDDB की वर्कशॉप में डेयरी को मजबूत करने के लिए चार पॉइंट पर हुई चर्चा, पढ़ें डिटेल 

NDDB की वर्कशॉप में डेयरी को मजबूत करने के लिए चार पॉइंट पर हुई चर्चा, पढ़ें डिटेल 

श्वेत क्रांति 2.0 लागू कर दी गई है. देशभर में इस पर काम भी शुरू हो गया है. इससे जुड़े मकसदों को कैसे हासिल किया जाए और अभी तक का श्वेत क्रांति का रिजल्ट क्या कहना है इस पर बात करने के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया था.

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NDDB की वर्कशॉप में डेयरी को मजबूत करने के लिए चार पॉइंट पर हुई चर्चा, पढ़ें डिटेल बिहार में दूध उत्‍पादन बढ़ाने का लक्ष्‍य (सांकेतिक तस्‍वीर)

श्वेत क्रांति-2.0 के तहत होने वाले काम की प्रगति की समीक्षा और रणनीतियों को अंतिम रूप देने के लिए चार पॉइंट पर चर्चा हो रही है. डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि अगर इन्हीं चार काम पर जोर दिया जाए तो श्वेत क्रांति का मकसद कामयाब होगा. ये चर्चा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की एक वर्कशॉप में हुई है. इस मौके पर एनडीडीबी की ओर से भरोसा दिलाया गया कि श्वेत क्रांति के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर संभव सहयोग दिया जाएगा. वर्कशॉप को श्वेत क्रांति की रणनीतियों को अंतिम रूप देने के लिए दक्षिणी क्षेत्रीय कार्यशाला नाम दिया गया था. 

इस मौके पर वर्कशॉप का संचालन एनडीडीबी के कार्यकारी निदेशक (तकनीकी) एस राजीव ने किया. वहीं भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ जैन और डॉ. दिनेश कुमार वर्मा, पशुपालन और डेयरी विभाग के उपायुक्त दयानंद सावंत, एफएएचडी मंत्रालय डेयरी क्षेत्र से संबंधित विभिन्न संगठनों के अधिकारियों समेत तमाम लोग इस वर्कशॉप में मौजूद थे. 

डेयरी-श्वेत क्रांति पर हुई ये चर्चा 

वर्कशॉप के दौरान बोलते हुए सिद्धार्थ जैन ने दूध उत्पादन की लागत को कम करने, उत्पादकता बढ़ाने और दूध सप्लाई को मजबूत करने पर जोर देते हुए डेयरी वैल्यू चैन में समग्र दृष्टिकोण की जरूरत के महत्व को बताया. उन्होंने डेयरी की आर्थिक क्षमता के बारे में किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर भी रोशनी डाली. उनका कहना था कि श्वेत क्रांति 2.0 के माध्यम से महिला सशक्तीकरण को और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत है. साथ ही ये सुझाव दिया कि परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियां (पीआईए) राज्य सरकारों से संपर्क करें या फिर नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की संभावनाएं तलाशें. 

जिलों को जोड़ने के लिए हुई ये चर्चा 

एस राजीव ने दुग्ध संघों द्वारा राज्य-स्तरीय डब्ल्यूआर 2.0 लक्ष्यों को जिला और संघ स्तर पर विशिष्ट कार्रवाई योग्य लक्ष्यों में विभाजित करने की जरूरत पर दिया दिया. जिससे प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने पीओआई से एनपीडीडी के तहत सक्रिय रूप से प्रस्ताव प्रस्तुत करने की भी मांग की और पूरी प्रक्रिया में पूर्ण समर्थन प्रदान करने के लिए एनडीडीबी के सहयोग की पुष्टि की. दयानंद सावंत ने दक्षिण भारत में वर्तमान डेयरी परिदृश्य प्रस्तुत किया और सभी दुग्ध संघों से अपने लक्ष्य एनडीडीबी को प्रस्तुत करने को कहा, जिससे एक समेकित राष्ट्रीय स्तर की योजना तैयार करने में सुविधा हो.

वहीं नाबार्ड के अधिकारियों ने श्वेत क्रांति 2.0 के तहत डेयरी सहकारी समितियों को समर्थन देने के लिए उपलब्ध विभिन्न वित्तीय योजनाओं की रूपरेखा तैयार की और पीओआई के एमडी और जीएम ने अपने राज्य-विशिष्ट श्वेत क्रांति 2.0 लक्ष्य प्रस्तुत किए, जिनमें नई समितियों के गठन और मौजूदा समितियों को मजबूत करने की योजनाएं शामिल थीं. यह कार्यशाला भारत के डेयरी क्षेत्र में सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए श्वेत क्रांति 2.0 के तहत क्षेत्रीय प्रयासों को राष्ट्रीय उद्देश्यों के साथ पहचान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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