बरसात में बीमार पशु नहीं जा सकता अस्पताल तो डॉक्टरों की टीम आएगी बाड़े में, जानें डिटेल

बरसात में बीमार पशु नहीं जा सकता अस्पताल तो डॉक्टरों की टीम आएगी बाड़े में, जानें डिटेल

केन्द्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने जानकारी दी है कि दूध उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. साल 2014-15 में देश के अंदर दूध उत्पापदन 146.31 मिलियन टन था, जो 2021-22 में बढ़कर 220.78 मिलियन टन पर पहुंच गया है. 8 साल के वक्त में 74 मिलियन टन से ज्यादा दूध का उत्पादन बढ़ा है. इसे और बढ़ाने के लिए ही इस तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं.

Advertisement
बरसात में बीमार पशु नहीं जा सकता अस्पताल तो डॉक्टरों की टीम आएगी बाड़े में, जानें डिटेलगौशाला में रह रहीं गाय. फोटो क्रेडिट-किसान तक

बरसात के दौरान पशुओं की देखभाल करना एक बड़ा काम हो जाता है. पशुओं के बाड़े को हरदम सूखा रखना. पशुओ के शरीर पर भी मक्खी-मच्छर न बैठे इसके लिए उन्हें  भी साफ रखना. जरा सी कोई बीमारी लगे तो फौरन ही दवा देना. क्योंकि मॉनसून में ही पशु ज्यादा दूध देते हैं और इस दौरान बीमार पड़े तो उसका असर दूध उत्पादन पर भी पड़ेगा. इसलिए बीमार पशु बाड़े में ही दवाई से ठीक नहीं हो रहा है तो उसे अस्पताल ले जाने की परेशानी. 

लेकिन केन्द्र सरकार ने पशुपालकों की इसी परेशानी को दूर करने के लिए मोबाइल वेटनरी यूनिट तैयार की है. एक फोन कॉल पर ये यूनिट आपके बाड़े में होगी. केन्द्रीय मत्स्य, डेयरी और पशुपालन मंत्रालय ने ये यूनिट तैयार की हैं. जिन इलाकों में मोबाइल यूनिट की बड़ी गाड़ी नहीं पहुंच पाएगी वहां यूनिट के सदस्य बाइक से पहुंचेंगे.

ये भी पढ़ें- Milk Production: दूध लेकर आता है मॉनसून का महीना, पशु को हुई परेशानी तो उठाना पड़ेगा नुकसान, जानें डिटेल 

पशुओं का इलाज करने ही नहीं कृत्रिम गर्भाधान कराने भी आएगी टीम 

अब आपकी गाय-भैंस, भेड़-बकरी, ऊंट, घोड़ा आदि छोटी-बड़ी कैसी भी बीमारी से ग्रसित क्यों न हों, लेकिन आपको परेशान नहीं होना पड़ेगा. अगर आपका पशु अस्पताल जाने की हालत में नहीं है या फिर मौसम ऐसा है कि बीमार पशु को अस्पताल नहीं ले जा सकते हैं तो आपको बस एक फोन कॉल करना होगा. 1962 नंबर पर फोन करते ही टीम जल्द से जल्द आपके दरवाजे पर पहुंच जाएगी. टीम मोबाइल वैन से आएगी तो उसे पहुंचने में भी वक्त नहीं लगेगा. हालात के हिसाब से टीम बाइक भी इस्तेमाल करती है. डॉक्टरों की टीम अपने तमाम जरूरी उपकरण से लैस होगी. 

इतना ही नहीं आपका मवेशी गर्मी में है तो कृत्रिम गर्भाधान कराने वाली टीम भी आपके एक फोन पर पहुंच जाएगी. आपका गांव पहाड़ी इलाके में हैं, आपके गांव तक पहुंचने का रास्ता बर्फीला या पथरीला कैसा भी हो यह टीम वैन से या बाइक से आपके पास आएगी जरूर.

ये भी पढ़ें- Goat Farming: बकरियों के बच्चों की मृत्यु दर कम करने के लिए अभी से प्लान करें ये टिप्स, जानें डिटेल

17 राज्यों में हैं 2119 मोबाइल यूनिट 

केन्द्रीय मत्य् , डेयरी और पशुपालन मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस वक्त देश के 17 राज्यों में मोबाइल वेटनरी यूनिट एक्टिव हैं. मंत्रालय की ओर से सभी 17 राज्यों  में 2119 वेटनरी टीम को सभी तरह के उपकरणों से लैस किया गया है. मंत्रालय का कहना है कि जल्द ही देश के अन्य राज्यों में भी मोबाइल वेटनरी यूनिट की तैनाती की जाएगी.

कश्मीर के बारामूला तक पहुंची मोबाइल वेटनरी यूनिट

मोबाइल वेटनरी यूनिट टीम कश्मीर के बारामूला में भी तैनात कर दी गई है. ये वो इलाका है जहां खासतौर पर बर्फवारी के दौरान पशुओं को इलाज मिलना मुश्किल हो जाता है. हाल ही में ऐसी ही मोबाइल वेटनरी यूनिट की टीम को केन्द्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला, मत्स्य, डेयरी और पशुपालन मंत्रालय ने हरी झंडी दिखाई थी. इस टीम में वेटनरी वैन के साथ ही बाइक टीम भी शामिल है.
 

 

POST A COMMENT