मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट (AI Genrated Image)दूध उत्पादन में देश हर रोज नई कहानी लिख रहा है. बीते कई साल से भारत दूध उत्पादन में विश्व में नंबर वन बना हुआ है. बीते साल ही 24 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ था. दूध उत्पादन के इस आंकड़े को बढ़ाने के लिए प्रति पशु दूध उत्पादन बढ़ाने की तैयारी चल रही है. दूसरी ओर डेयरी बाजार का मॉडल भी बदलने लगा है. कोशिश है कि डेयरी प्रोडक्ट की डिमांड कैसे बढ़े. डेयरी एक्सपर्ट का तो ये भी कहना है कि बाजार में सिर्फ दूध बेचने से काम नहीं चलेगा. दूध की प्रोसेसिंग कर उसके प्रोडक्ट बनाने होंगे.
ग्राहकों को जोड़ने के लिए लोकल ब्रांड तैयार करने होंगे. ग्राहक की जरूरत को देखते हुए डेयरी प्रोडक्ट की पैकेजिंग पर और ज्यादा ध्यान देना होगा. अगर डेयरी बाजार के नए मॉडल में रहते हुए मुनाफा बढ़ाना है तो इस पर काम करना होगा. ऐसा करने से ही बाजार में डेयरी प्रोडक्ट की डिमांड भी बढ़ेगी. क्योंकि अगर जल्द ही डेयरी प्रोडक्ट की डिमांड नहीं बढ़ी तो दूध उत्पादन कम हो जाएगा और पशुपालकों को भी इस पेशे में रोकना मुश्किरल हो जाएगा.
भारत का संगठित डेयरी सेक्टर नए बाजारों की तलाश में लग गया है. कंपनी छोटी हो या बड़ी सभी दूध से बने अलग-अलग प्रोडक्ट लाकर अपने बाजार को मजबूत करने में लगे हुए हैं. उनका मानना है कि इसी से मुनाफा बढ़ेगा. क्योंकि सिर्फ दूध बेचकर बाजार में एंट्री की जा सकती है, लेकिन बड़ा मुनाफा सिर्फ डेयरी प्रोडक्ट से ही आता है.
एक डेयरी कंपनी की रणनीति और वित्त प्रबंध निदेशक का कहना है कि "दूध सिर्फ एक शुरुआत है. दूध से रेवेन्यू आता है, लेकिन मार्जिन कम है. असल मुनाफा दही और दूध से बने दूसरे प्रोडक्ट बनाकर ही आएगा. डेयरी ऑर्गेनिक के सीईओ और सह-संस्थापक का कहना है कि निश्चित खपत पैटर्न कंपनियों को कुछ नया करने के लिए प्रेरित करते हैं. असल मुनाफा डेयरी प्रोडक्ट का पोर्टफोलियो बड़ा करने से ही आएगा. उन्होंने मुनाफे के लिए प्रोटीन युक्त डेयरी उत्पादों की बढ़ती मांग की ओर इशारा किया.
डेयरी व्यापार और ब्रांड रणनीति विशेषज्ञ ने डेयरी सेक्टर में एक बड़ी लड़ाई की भविष्यवाणी की है. उनका कहना है कि प्रोटीन की लड़ाई में जो खिलाड़ी हावी होंगे वो बाजार की लड़ाई जीतेंगे, क्योंकि डेयरी ब्रांडों के लिए भूगोल इतिहास है. हम नए बाजारों में और ज्यादा खिलाड़ियों को प्रवेश करते देखेंगे.
डेयरी के हालात को देखते हुए ही अमूल ने अमेरिका और यूरोप के बाजार में एंट्री की है. कर्नाटक की नंदिनी डेयरी ने दिल्ली में कदम बढ़ा दिए हैं. हैटसन एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड (HAP) ने ओडिशा में डेयरी स्टार्ट-अप मिल्क मंत्रा को 233 करोड़ रुपये लगाकर अधिग्रहित किया है.
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