Indian Dairy: डेयरी कांफ्रेंस में पशुपालकों के लिए उठी ये 12 मांग, बोले इसी से बचेगी डेयरी 

Indian Dairy: डेयरी कांफ्रेंस में पशुपालकों के लिए उठी ये 12 मांग, बोले इसी से बचेगी डेयरी 

चारे की कमी है, दूध का सही दाम मिल नहीं रहा. स्किम्ड मिल्क पाउडर (एसएमपी) के उतार-चढ़ाव वाले दाम की वजह से डेयरी भी जूझ रही है. पशुपालन में अच्छी कमाई नहीं हो रही है तो नई पीढ़ी आना नहीं चाहती है. इसलिए डेयरी में कुछ कदम तत्काल उठाए जाने की जरूरत है.

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Indian Dairy: डेयरी कांफ्रेंस में पशुपालकों के लिए उठी ये 12 मांग, बोले इसी से बचेगी डेयरी अजमेर मिल्क यूनियन के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी को डेयरी कांफ्रेंस में सम्मानित किया गया.

‘नई पीढ़ी पशुपालन में आना नहीं चाहती है. पढ़-लिखने के बाद उसे पशुपालन में अपना भविष्य नजर नहीं आता है. घर का एक बुजुर्ग कब तक चार-पांच पशुओं के साथ पेशे को बरकरार रख पाएगा. इसलिए ये बहुत जरूरी है कि पशुपालन में कुछ ऐसा किया जाए जिससे आने वाली पीढ़ी भी पशुपालन में रूचि ले. वो भी पशुपालन को बढ़ाने की कोशि‍श करें.’ ये कहना है अजमेर मिल्क यूनियन के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी का. हाल ही में पटना में आयोजित डेयरी कांफ्रेंस के दौरान पशुपालकों से जुड़ी उन्होंने 12 मांग उठाईं. 

उनका कहना है कि ये मांग पूरी होंगी तो पशुपालक और डेयरी दोनों बचेंगे. इसलिए जरूरी है कि पशुपालकों को उनके दूध का सही दाम मिले. साथ ही दूध की खपत बढ़ाई जाए. स्किम्ड मिल्क पाउडर (एसएमपी) के लिए ऐसा सिस्टम तैयार किया जाए कि उसके दाम में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव न आए. 

अजमेर मिल्क यूनियन ने उठाईं ये मांग

  • दूध के सही वितरण के लिए नेशनल मिल्क ग्रिड बनाई जाए. 
  • देशभर में मिड-डे-मील के तहत बच्चों को दूध दिया जाए. 
  • डेयरी को कृषि‍ या इंडस्ट्री किसी एक में शामिल किया जाए. 
  • पशुपालकों को दूध का सपोर्ट प्राइज दिया जाए. 
  • लंपी बीमारी फैलने पर पशुपालकों को सहायता राशि‍ मिले. 
  • चारे की कमी दूर करने को रिजका का टी3 बीज दिया जाए. 
  • चारागाहों पर हो रहे अतिक्रमण हटाए जाएं. 
  • एक पशु पर आधा बीघा जमीन के हिसाब से चारागाह तय किए जाएं. 
  • छुट्टा जानवरों की फैमिली प्लानिंग की जाए, जिससे फसल बचे. 
  • दूध में मिलावट करने पर उम्र कैद जैसे सख्त कानून बनाए जाएं. 
  • मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करने पर सब्सिडी दी जाए. 
  • डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट की संख्या बढ़ाई जाए. 
  • डेयरी और पशुपालन के लिए गांवों में चार फीसद की दर से लोन मिले. 

पशुपालकों की मांग पर ये बोलीं एडिशनल सेक्रेटरी

डेयरी कांफ्रेंस में पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की एडिशनल सेक्रेटरी वर्षा जोशी भी मौजूद थीं. पशुपालकों और डेयरी संचालकों की बात सुनने के बाद उन्होंने कांफ्रेंस को संबोधि‍त करते हुए कहा कि पशुपालकों और डेयरी संचालकों की हर मांग पर हम उनके साथ हैं, लेकिन शुरुआत राज्यों को करनी होगी. जीएसटी से जुड़ी बात भी राज्यों को रखनी होगी. दूध की लागत कम करने के लिए पशुपालकों को जेनेरिक और एथेनोवेट दवाई पर आना होगा. हरा ही नहीं सभी तरह के चारे पर भी बहुत काम करने की जरूरत है. 

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