Bull: अगर बैल से खेती का काम ले रहे हैं तो खुराक में जरूर शामिल करें ये आइटम
एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो एक खास उम्र तक आते-आते ब्रीडर बुल के वीर्य की गुणवत्तास भी कमजोर पड़ने लगती है. कुछ ऐसे भी बुल होते हैं जिनमे शुरू से ही ब्रीडर बनने की क्वालिटी नहीं होती है. इसकी कई वजह हो सकती है. ऐसे बुल को खेती-किसानी और उससे जुड़े ट्रांसपोर्ट के काम में ले लिया जाता है. लेकिन इनकी खुराक पर भी खास ध्यान देने की जरूरत होती है.
सांड-बैल कोई भी हो, सभी के ब्रीडर बने रहने की एक उम्र होती है. साइंटिस्ट के द्वारा उस तय उम्र तक ही सांड या बैल को ब्रीडर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. और उम्र के हिसाब से उसके सीमन की क्वालिटी भी कमजोर हो जाती है. ज्यादातर मामलों में ऐसे उम्र दराज सांड-बैल को खेती के काम में लगा दिया जाता है. जैसे ढुलाई आदि के काम में. लेकिन ऐसा नहीं है कि ब्रीडर को खेती के काम में लगा दिया है तो अब उसकी खुराक जो चाहें दे दें.
एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक खेती के काम में लगे सांड-बैल को भी अच्छी खुराक की जरूरत होती है. सेंट्रल बफैलो रिसर्च इंस्टीयट्यूट (सीआईआरबी), हिसार, हरियाणा के मुताबिक ब्रीडर के अलावा दूसरे काम करने वाले सांड-बैल की खुराक काम करने के घंटे, काम की स्पीड और उठाए गए वजन के हिसाब से तैयार की जाती है.
सांड-बैल की ऐसी होनी चाहिए रोजाना की खुराक
सीआईआरबी के मुताबिक दिन में चार घंटे काम करने वाले बुल के लिए इसे हल्का काम कहा जाता है. इसके लिए खासतौर पर खुराक का चार्ट बनाया गया है. लेकिन बुल का वजन 550 किलो होना चाहिए.
चार किलो केंद्रित मिश्रण (Concentrated mixtures) के साथ सात किलो भूसा दिया जाना चाहिए.
1.5 किलोग्राम केंद्रित मिश्रण के साथ 35 किलो अनाज का चारा भी खिलाया जा सकता है.
20 किलो बरसीम के साथ आठ किलो भूसा, आधा किलो बिना तेल वाली सोयाबीन की खल दे सकते हैं.
दो किलो मिनरल मिक्चार, 10 किलो बरसीम, आठ किलो भूसा, 400 ग्राम खल दे सकते हैं.
अगर बुल का वजन 550 किलो है तो हर 50 किलो वजन की बढ़ोतरी होने पर 650 ग्राम भूसा, 180 ग्राम मूंगफली या सोयाबीन की तेल रहित खल दे सकते हैं.
चार किलो बरसीम या 2.5 किलो अनाज का चारा, 100 ग्राम तेल रहित मूंगफली या सोयाबीन की खल भी दी जा सकती है.
भारी काम (8 घंटे) काम करने वाले बुल के लिए
अगर कोई बुल दिनभर में आठ घंटे काम करता है तो उसे भारी काम करने की कैटेगिरी में रखा जाता है. अगर ऐसे बुल का वजन 550 किलो है तो उसे इस प्रकार से खुराक दी जाएगी.
पांच किलो केंद्रित मिश्रण के साथ आठ किलो भूसा दे सकते हैं.
तीन किलो केंद्रित मिश्रण के साथ 40 किलो अनाज का चारा दे सकते हैं.
40 किलो बरसीम के साथ सात किलो भूसा भी खिला सकते हैं.
तीन किलो सांद्र मिश्रण, 14 किलो बरसीम और किलो भूसा भी खिलाया जा सकता है.
अगर बुल का वजन 550 किलो है तो हर 50 किलो वजन की बढ़ोतरी होने पर एक किलो भूसा, 180 ग्राम तेल रहित मूंगफली या सोयाबीन की खल दी जा सकती है. चार किलो बरसीम और 350 ग्राम भूसा दे सकते हैं. चार किलो अनाज का चारा, 50 ग्राम तेल रहित मूंगफली या सोयाबीन की खल भी खिलाई जा सकती है.