समय-समय पर बहुत सारे देश भारत से अंडा खरीदने आते हैं. खाड़ी के कई देश तो भारत के स्थायी ग्राहक हैं. ओमान और यूएई जैसे देशों में तो लगातार अंडा एक्सपोर्ट होता है. पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो दूसरे देशों द्वारा भारत से अंडा खरीदने के पीछे कई वजह हैं. इसमे सबसे अहम वजह है अंडे का रेट. ज्यादातर देशों के मुकाबले भारत में सस्ता अंडा मिलता है. लेकिन अब बीते कुछ वक्त से हालात ये हो गई है कि जो देश भारत से अंडा खरीद रहे थे वो भी किसी ना किसी बहाने से वापस चले गए हैं.
और खास बात ये है कि इसके पीछे भी खास और बड़ी वजह रेट ही है. कई देशों ने तो क्वालिटी को लेकर भी आपत्तिं जताई है. वहीं इंटरनेशनल ऐग कमीशन के चेयरमैन सुरेश चित्तुरी का कहना है कि कुछ ऐसे काम हैं जो सरकार की मदद से हो जांए तो अंडे का एक्सपोर्ट बढ़ सकता है. आने वाले पांच-छह साल में ये आंकड़ा दो सौ से तीन सौ करोड़ तक पहुंच सकता है.
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सुरेश चित्तुरी ने हाल ही में पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि भारत में बिकने वाला सस्ता अंडा ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है. इसी वजह से दूसरे देश भारत अंडा खरीदने आते हैं. लेकिन बीते कुछ वक्त से हमारे यहां अंडे की लागत बढ़ रही है. इसकी बड़ी वजह है पोल्ट्री फीड का महंगा होन और फीड महंगा हो रहा है मक्का के चलते. मक्का के दाम बढ़ रहे हैं. जबकि पोल्ट्री फीड में मक्का का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. अगर हम 20 रुपये किलो कीमत वाला बाहर का मक्का मिले तो हमारा अंडा एक्सपोर्ट को दो सौ से तीन सौ करोड़ तक जा सकता है. और इसमे ज्यादा वक्त भी नहीं लगेगा. इतना ही नहीं अंडे की क्वालिटी में सुधार लाने के लिए अगर रणनीति बनाकर काम किया जाए तो अंडा एक्सपोर्ट बढ़ाने में खासी मदद मिलेगी.
पोल्ट्री सेक्टर में मक्का को लेकर हलचल लगातार बढ़ रही है. पोल्ट्री से जुड़े लगभग सभी कार्यक्रम में मक्का का मामला उठाया जा रहा है. हाल ही में पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (PFI) समेत दूसरी एसोसिएशन के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल पशुपालन और डेयरी सेक्रेटरी से मिला. पोल्ट्री फीड में इस्तेमाल होने वाली मक्का और सोयामील पर चर्चा हुई. पोल्ट्री की मौजूद सबसे बड़ी परेशानी से अवगत कराया. वहीं इस परेशानी को दूर करने के लिए कुछ मांगें भी अधिकारियों के सामने रखीं. PFI ने मांग करते हुए कहा है कि जब बाजार में मक्का का रेट न्यूनत्तम समर्थन मूल्य (MSP) से 10 फीसद ज्यादा हो तो मक्का इंपोर्ट करने की अनुमति दी जाए. इसके साथ मक्का और सोयामील की क्वालिटी को लेकर भी कुछ मांग डेयरी सेक्रेटरी के सामने रखी गईं.
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