Dairy Farming: पशुपालन नहीं है खर्चीला, ये मुद्दे की बात नहीं जान पाई तो घाटे में घाटे में रहेगा डेयरी कारोबार

Dairy Farming: पशुपालन नहीं है खर्चीला, ये मुद्दे की बात नहीं जान पाई तो घाटे में घाटे में रहेगा डेयरी कारोबार

घर पर कारोबार करने का ऑप्शन ढूंढ़ रहे हैं तो डेयरी फार्मिंग अच्छा ऑप्शन हो सकता है. अधिकांश पशुपालकों की शिकायत है कि डेयरी फार्मिंग थोड़ा खर्चीला कारोबार है. इस खबर में बताने जा रहे हैं कि कैसे डेयरी बिजनेस में आने वाले खर्च को कम कर अधिक पैसा कमा सकते हैं.

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पशुपालन नहीं है खर्चीला, ये मुद्दे की बात नहीं जान पाई तो घाटे में घाटे में रहेगा डेयरी कारोबारडेयरी फार्मिंग टिप्स

आजकल ज्यादातर लोग नौकरी छोड़कर खुद का स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं. खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए अगर आप विकल्प ढूंढ़ रहे हैं तो डेयरी फार्मिंग अच्छा ऑप्शन है. अधिकांश लोगों की शिकायत है कि पशुपालन का काम काफी खर्चीला है. आपको बता दें कि किसी भी व्यापार में उतरने से पहले उसके बारे में अच्छी रिसर्च करनी चाहिए. इस खबर में हम आपको पशुपालन से जुड़ी सभी बारीकियों के बारे में बताएंगे, अच्छी कमाई के साथ ही पूंजि को कैसे कम किया जा सकता है उसका भी मंत्र देंगे. जिसको फॉलो करके आप डेयरी बिजनेस से ना सिर्फ अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे बल्कि दूसरों को भी डेयरी से जुड़ी सलाह दे सकेंगे.

डेयरी फार्मिंग का तरीका

डेयरी में हमेशा अच्छी नस्ल के स्वस्थ पशु ही पालें. पशु खरीदने से पहले देखें कि वो बीमार या संक्रमित तो नहीं है. उसके बाद उन्हें बांधने के अलावा चरने और घूमने की भी जगह बनाएं. उनको बांधने वाले शेड में हवा और प्रकाश बराबर आता रहे. पशुओं के शेड में 24 घंटे साफ और ताजे पानी की व्यवस्था होनी चाहिए. आप गाय पाल रहे हैं तो गिर या साहिवाल नस्ल की गाय पालें. भैंसों के लिए मुर्रा, सूरती, मेहसाणा, भदावरी और जाफराबादी नस्ल पालने की सलाह दी जाती है. 

लागत कम करने का तरीका

पशुपालन से जुड़े बिजनेस में सबसे ज्यादा खर्च उनके खान-पान और दवाइयों में आता है. कुछ लोगों को हर साल शेड की मरम्मत करानी पड़ती है इसलिए उनका पूरा प्रॉफिट इन्हीं चीजों में चला जाता है. डेयरी से लागत कम करने के लिए वन टाइम इनवेसमेंट पर ध्यान दें. उनका शेड पक्का और मजबूत बना दें जो सालों-साल चले, इससे हर साल आने वाले खर्च में कटौती होगी. इसके अलावा पशुओं में सबसे ज्यादा संक्रमित बीमारियां होती हैं जिससे ना सिर्फ दवाइयों का खर्च बढ़ता है बल्कि कई बार पशुओं की मौत भी हो जाती है. 

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संक्रमित बीमारियों से बचाने के लिए साफ-सफाई में विशेष ध्यान देना होगा. एक व्यक्ति रख लें जो सफाई करता रहे, इससे किसी तरह की बदबू या संक्रमण नहीं फैलेगा इससे पशु स्वस्थ और चंचल रहेंगे. महीने में कई पशुओं की एक साथ दवा कराने से बेहतर एक मजदूर को सैलरी देना है. इन सब के अलावा कई सरकारी योजनाएं हैं जिनका लाभ लेकर आप लागत को बिल्कुल कम कर सकते हैं. इन योजनाओं की जानकारी राज्य के पशुपालन विभाग के पोर्टल में मिल जाएगी.

डेयरी फार्म से अधिक कमाई का तरीका

डेयरी फार्मिंग करने वाले लोग दूध पर निर्भर रहेंगे तो मनमुताबिक कमाई नहीं कर पाएंगे. आप सबसे पहले अपने बिजनेस की जानकारी विज्ञापन के माध्यम से अधिक लोगों तक पहुंचाएं. अब दूध बेचने के साथ ही दूध को प्रोसेस करके छाछ, दही, पनीर, खोया और छेना जैसे डेयरी प्रोडक्ट बनाकर बेचते हैं तो अच्छी कमाई कर सकेंगे. इन सब के अलावा डेयरी से निकलने वाले गोबर से भी अच्छी खासी कमाई की जा सकती है. गोबर का प्रयोग जैविक खाद बनाने के लिए किया जाता है. एक ट्राली गोबर की कीमत तीन से चार हजार रुपये तक होती है.  


 
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