बीते कुछ सालों से हमारे देश में बड़े पैमाने पर होम गार्डनिंग की जाने लगी है. पहले गांव के लोग ही घर पर फल, सब्जी और मसाले उगाते थे लेकिन अब शहरों के लोग भी बालकनी या छत पर गार्डनिंग करने लगे हैं. घर पर फल-सब्जी उगाने वाले लोग टमाटर, मिर्च और धनिया जैसे पौधे ही उगाते रहे हैं. इस खबर में आपको महंगी, स्वादिष्ट और हेल्दी सब्जियां घर में उगाने की टिप्स देते हैं. इन सब्जियों को आप गमले या किसी कंटेनर में उगाकर ना सिर्फ किचन में आने वाले खर्च को कम कर सकते हैं बल्कि मौसमी सब्जियां बिल्कुल फ्रेश पा सकते हैं.
होम गार्डन में लोग उन पौधों को प्राथमिकता देते हैं जिन्हें कम देखभाल की जरूरत होती है. आज आपको ऐसे पौधों के बारे में बताते हैं जो अब तक आप सिर्फ बाजारों से ही खरीदा करते थे और सोचते थे कि इन्हें घर पर उगाना लगभग नामुमकिन सा है. आइए 4 खास सब्जियों के बारे में जान लेते हैं.
ब्रोकली तो आप सब ने जरूर देखा होगा. ये गोभी की ही एक प्रजाति है जो खास हरी सब्जियों में गिनी जाती है. ब्रोकली को कुछ दिन पहले तक विदेशी फसल माना जाता था जिसे हर जगह आसानी से नहीं उगाया जा सकता था. इसे उगाने के लिए एक 16-18 इंच गहराई वाला गमला लीजिए. इस गमले में मिट्टी के साथ थोड़ी सी वर्मी कंपोस्ट मिलाएं और नर्सरी से लाया गया पौध रोपें. गमले में नमी जांच कर हल्का पानी दें, गमले में धूप बराबर लगती रहे. 45 दिन बाद एक मुट्ठी वर्मी कंपोस्ट डालें. 100 दिनों में ब्रोकली के फूल आने लगेंगे.
मशरूम सब्जियों की एक बहुत खास किस्म है. पहले ये अमीरों की थाली तक ही सीमित थी लेकिन अब ये आम सब्जी हो गई है. मशरूम एक कवक है जो भूसे के ढेर में उगाया जाता है. भूसे के ढेर को गीला कर मशरूम के बीज रोपे जाते हैं. इसे ऐसी जगह पर उगाया जाता है जहां अंधेरा हो और हवा ना आ रही हो. 15 दिन बाद आप मशरूम के शेड के पास पंखा लगा सकते हैं. 1 महीने बाद ही ये उपयोग करने के लिए तैयार हो जाता है.
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कुछ लोगों का मानना है कि शिमला मिर्च की खेती शायद शिमला में होती है, ऐसा बिल्कुल नहीं है. ये आपके घर के गमले में भी उग जाएगी. शिमला मिर्च उगाने के लिए एक मीडियम साइज का गमला लें. इस गमले में मिट्टी के साथ थोड़ी सी कोकोपीट मिलाएं और इसमें 4-6 शिमला मिर्च के दाने रोपकर हल्की सिंचाई करें. अब गमले को ऐसी जगह पर रख दें जहां सर्दी की हल्की धूप दिनभर आती रहे. नमी की जांच कर सिंचाई करते रहें और 30-45 दिन बाद दो चम्मच वर्मी कंपोस्ट दें. तीन महीने में पौधे में फल लगना शुरू हो जाएगा.
अदरक का उपयोग तो आप सब अच्छी तरह जानते हैं लेकिन अदरक की खेती हर जगह नहीं कर पाते. आपको बता दें कि अदरक की खेती वातावरण और जलवायु पर ही निर्भर है लेकिन खास बातों का ध्यान रखते हुए आप गमले में भी आसानी से उगा सकते हैं. एक मीडियम साइज का गमला लें और इसमें आधी मिट्टी, और आधे में रेत और गोबर की सड़ी हुई खाद एक साथ अच्छी तरह मिलाकर भरें. इस गमले में अदरक का एक कंद गहराई में रोपें, हल्का पानी दें और धूप वाली जगह में रख दें. नमी की जांच कर हल्का पानी डालते रहें. हर महीने 1-2 चम्मच वर्मी कंपोस्ट डालें. लगभग 6 महीने में पौधा तैयार हो जाएगा.
होम गार्डनिंग करने के बहुत से फायदे हैं. अगर आप हाउस वाइफ हैं या जॉब से रिटायर हो चुके हैं तो ये टाइमपास का बहुत अच्छा साधन है. होम गार्डनिंग करने से आप अपने घर खर्च को थोड़ा कम कर सकते हैं. इन सब के अलावा सबसे जरूरी है कि आपको ताजे और मौसमी फल-सब्जी घर में ही उपलब्ध हो जाते हैं जो सेहत के लिहाज से भी फायदेमंद है. घर पर पूरी तरह से ऑर्गेनिक गार्डनिंग करना फायदेमंद माना जाता है.
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