पूरी दुनिया में भारत को एक कृषि प्रधान देश के रूप में जाना जाता है. वही भारत में अधिक संख्या में लोग कृषि करते हैं. यहां के लोग खेती करने के साथ ही पशुपालन भी करते हैं. जिसमें कुछ लोग गाय, बकरी और मुर्गी पालन करते हैं. तो वहीं कुछ लोग बत्तख पालन भी करते हैं. भारत में मुर्गी पालन के बाद बत्तख पालन दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा किया जाता है. वर्तमान समय में लोगों का रुझान मुर्गी पालन से अधिक बत्तख पालन की ओर बढ़ रहा है. बत्तख पालन कर किसान कम पूंजी खर्च कर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. दरअसल बत्तख पालन , मुर्गी पालन की अपेक्षा आसान होता है और सबसे खास बात यह है कि बत्तख के अंडे और मांस दोनों को काफी पसंद किया जाता है और इसमें प्रोटीन भी अधिक मात्रा में पाया जाता है. जिसके कारण मार्केट में इसकी मांग बढ़ती जा रही है. इसका पालन लोगों की आय में मुनाफे का अच्छा साधन है. आइये जानते हैं इससे जुड़ी सारी जानकारी.
यदि आप बत्तख पालन करना चाहते हैं, तो उसके लिए थोड़ा शांत जगह बेहतर माना जाता है. उनके रहने के लिए शेड बनाना होता है. जिसमें हल्की धूप और हवा आने की व्यवस्था होनी चाहिए. शेड के आसपास एक छोटा सा तालाब होना आवश्यक है और अगर तालाब न हो तो शेड के आसपास थोड़ा गहरा नाली की तरह बना कर उसमें पानी भर दें. क्योंकि बत्तखों को पानी में रहना पसंद होता है.
बत्तख एक जलीय पक्षी है, जिसे गांव के तालाबों और खेतों के आसपास आसानी से पाला जा सकता है. इसके पालन के लिए नम जलवायु की जरूरत होती है. जहां साल भर पानी की उचित व्यवस्था हो. इसके लिए 25 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान अनुकूल होता है.
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बत्तखें कुछ भी खा लेती हैं. बशर्ते वह खाना थोड़ा गिला हो. क्योंकि सूखा खाना उनके गले में फस जाता है. बत्तखें चावल, मक्का, चोकर और मछली बड़े चाव से खाते हैं. तालाबों के कीड़े-मकोड़े खाकर भी वो अपना पेट भर लेती हैं. इसलीए इनके आहार के लिए कुछ खास खर्च नहीं करना पड़ता है.
बत्तख पालन के बहुत सारे फायदे हैं. इनके पालन के लिए आहार पर कम खर्च करना पड़ता है. बत्तख की उन्नत नस्लें एक साल में 300 से अधिक अंडे देती हैं. वहीं मुर्गियों के मुकाबले इसमें कम बीमारियां होती हैं. यह मुर्गियों के मुकाबले दोगुना अंडे देती हैं. वहीं इसके पालन से आय में भी वृद्धि होती है. इसके अंडे बाजार में महंगे मिलते हैं जिससे पालक को अच्छा मुनाफा होता है. वहीं इसका मांस भी महंगा बिकता है. बत्तख पालन कर किसान कम पूंजी खर्च कर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं.
बत्तख के तीन प्रमुख नस्लें है. मांस उत्पादन के लिए सफेद पैकिंग, एलिसबरी, मस्कोवी, राउन, स्वीडन आदि हैं और अंडा उत्पादन के लिए इंडियन रनर हैं, तो वहीं अंडा और मांस दोनों के लिए खाकी कैंपबेल उत्तम नस्ल है.
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