पहले दूध से बने पेड़े को मिला GI टैग, अब धारवाड़ी भैंस हुई रजिस्टर्ड, कुल नस्ल हुईं 16  

पहले दूध से बने पेड़े को मिला GI टैग, अब धारवाड़ी भैंस हुई रजिस्टर्ड, कुल नस्ल हुईं 16  

देश में सबसे ज्यादा संख्या मुर्रा भैंस की है. मुर्रा भैंस देश में जहां छह करोड़ के आसपास हैं, वहीं दूसरी नस्ल की भैंसें 50 लाख के आंकड़े से भी नीचे हैं. देश के कुल दूध उत्पादन में भैंस के दूध की हिस्सेदारी 45 फीसद है.

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पहले दूध से बने पेड़े को मिला GI टैग, अब धारवाड़ी भैंस हुई रजिस्टर्ड, कुल नस्ल हुईं 16  धारवाड़ी भैंस और धारवाड़ी भैंसा

देश में भैंसों का जिक्र आते ही जो सबसे पहला नाम आता है वो है मुर्रा. मुर्रा भैंस की वो नस्ल है जिसके दूध की देश ही नहीं विदेशों में भी डिमांड है. इसका सबसे बड़ा सुबूत यह है कि देश में ही हर साल मुर्रा का करोड़ों रुपये का सीमेन बिक जाता है. कुछ कम और कुछ ज्यादा खूबियों से लैस हमारे देश में भैंसों की अभी तक 13 नस्ल थी. हाल ही में कृषि मंत्रालय ने तीन और नई नस्ल को रजिस्टर्ड किया है. इसमे धारवाड़ी नस्ल की भैंस भी है. भैंस बेशकअब रजिस्ट्र्ड हो रही है, लेकिन इसके दूध से बने पेड़े को पहले ही जीआई टैग मिल चुका है. 

देश में अब भैंसों की कुल 16 रजिस्टर्ड नस्ल हो गई हैं. लेकिन जब भैंसों की नस्ल का जिक्र होता है तो सबसे पहला नाम मुर्रा भैंस का ही आता है. और आए भी क्‍यों ना, आखिर एक-एक दिन में 40 लीटर से भी ज्यादा दूध देने का रिकॉर्ड भी तो मुर्रा भैंस के नाम ही है.

इसके अलावा जाफराबादी, भदावरी और बानी भैंस भी अच्छी नस्ल की हैं और ज्यादा दूध देने के चलते पशु पालकों के बीच डिमांड में रहती है. बढ़ते मीट एक्स‍पोर्ट के चलते अब भैंस के कटड़े (बछड़े) भी खूब बिकने लगे हैं. जबकि कुछ साल पहले तक भैंस के मेल बछड़ों को कोई पूछता तक नहीं था.  

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ये तीन भैंस ब्रीड रजिस्टर्ड लिस्ट में शामिल 

कृषि मंत्रालय ने गोजरी, धारवाड़ी और पूर्णाथडी भैंस को नई नस्ल के रूप में मान्यता दी है. तीनों ब्रीड को रजिस्टर्ड लिस्ट में शामिल किया गया है. अगर गोजरी की बात करें तो गोजरी भैंस पंजाब के साथ ही हिमाचल प्रदेश के चंबा और कांगड़ा में भी पाई जाती है. दूध के साथ ही इसे माल ढोने के लिए गाड़ी में भी जोता जाता है. अगर धारवाड़ी भैंस की बात करें तो यह कर्नाटक के करीब 12 जिलों में पाई जाती है. खास बात यह है कि इसके दूध से बने पेड़े को पहले ही जीआई टैग से मिल चुका है. 

पूर्णाथडी भैंस महाराष्ट्रा की है. रंग-रूप और कद-काठी के मामले में यह यूपी की भदावरी भैंस से मिलती-जुलती है. दूध के मामले में यह बहुत ही उन्नत भैंस है. यह रोजाना नौ किलो दूध देती है. इसके दूध में 6.5 फीसद से लेकर 11.5 फीसद तक फैट होता है.

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देश में नस्लीय भैंसों की संख्‍या 

नोट- देश में भैंसों की 16 नस्ल रजिस्टर्ड हैं. 

नस्लीय भैंसों से जुड़ी खास बातें 

  • प्योंर ब्रीड की कुल संख्या - 2.23 करोड़ है.
  • देश में नस्लीय भैंसों की संख्या- 6 करोड़ है.
  • देश में कुल भैंसों की संख्या- 11 करोड़ है. 
  • देश के कुल दूध उत्पादन में 45.44 फीसद दूध भैंस का है. 
  • साल 2020-21 में भैंसों ने देशभर में 9.53 करोड़ मीट्रिक टन दूध दिया.  
  • हिसार, हरियाणा में देश का सबसे बड़ा बुफेलो रिसर्च सेंटर भी है. 

5 राज्यों में भैंसों की सबसे ज्यादा संख्या 

  1. यूपी- 1.19 करोड़ 
  2. राजस्थान- 51 लाख 
  3. मध्य प्रदेश- 49.21 लाख 
  4. बिहार- 44.68
  5. गुजरात- 39.54

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