गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है. ये वो मौसम है जिसके शुरू होते ही क्या इंसान और क्या पशु सभी के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है. खासतौर पर पीने के पानी को लेकर. आधा मार्च बीतने को है और तापमान अब लगातार बढ़ेगा, इसी को देखते हुए पशुपालन मंत्रालय ने पशुओं के लिए पीने के पानी को लेकर कुछ बड़ी बात कही हैं. उसका कहना है कि पानी पशुओं के लिए जीवन है. इंसानों की तरह से पशुओं के लिए भी पानी जरूरी है. स्वस्थ पानी का मतलब स्वस्थ पशु है. एनीमल एक्सपर्ट की मानें तो गर्मी में पशु सबसे ज्यादा परेशान रहता है. तेज गर्मी के चलते पशु तनाव में आ जाता है. गर्मी में ही हरे चारे की कमी होने लगती है.
कई बार पीने का पानी नुकसान भी पहुंचाने लगता है. इसी नुकसान के चलते पशुओं का दूध उत्पादन भी कम हो जाता है. पशु बीमार भी हो जाते हैं. जिसके चलते इलाज पर होने वाले खर्च की वजह से दूध की लागत बढ़ जाती है. इसी को देखते हुए मंत्रालय ने बताया है कि गर्मी के मौसम में पशुओं के लिए साफ और ताजा पानी पीना क्यों जरूरी है.
जब पशुओं में पानी की कमी हो जाती है तो कई तरह के लक्षण से इसे पहचाना जा सकता है. जैसे पशुओं को भूख नहीं लगती है. सुस्ती और कमजोर हो जाना. पेशाव गाढ़ा होना, वजन कम होना, आंखें सूख जाती हैं, चमड़ी सूखी और खुरदरी हो जाती है और पशुओं का दूध उत्पादन भी कम हो जाता है. और सबसे बड़ी पहचान ये है कि जब हम पशु की चमढ़ी को उंगलियों से पकड़कर ऊपर उठाते हैं तो वो थोड़ी देर से अपनी जगह पर वापस आती है.
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