मध्य प्रदेश के किसान गोबर गैस, स्लरी और हरा चारा बेचकर मुनाफा कमाएंगे. इसके लिए प्रदेश सरकार ने गोबर से समृद्धि योजना शुरू की है. इस योजना को गुजरात के पैटर्न पर शुरू किया गया है जिसमें दूध व्यवसाय के जरिये किसानों की आमदनी बढ़ाने पर ध्यान है. इसके लिए एनडीडीबी और मध्य प्रदेश सरकार के पशुपालन विभाग के बीच एक करार हुआ है. इसमें प्रदेश के बैतूल जिले को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है जहां इस योजना की शुरुआत होगी.
शुरुआत में उन 100 किसानों को चुना जाएगा जो कम से कम 5 गायों का पालन करते हैं. इन किसानों के घर पर 50 किलो का गोबर गैस प्लांट लगाया जाएगा. इससे किसान हर महीने डेढ़ सिलेंडर गोबर गैस और गोबर की स्लरी (घोल जिसका उपयोग खाद के रूप में होता है) बना सकेंगे. इन दोनों से किसानों को इनकम होगी. गोबर गैस का इस्तेमाल खाना बनाने में होगा. इस गैस को किसान अपने पड़ोसी को बेच सकते हैं. एक सिलेंडर गैस की कीमत 800 रुपये है, उस हिसाब से डेढ़ सिलेंडर से किसान 1200 रुपये की कमाई करेगा.
इसी तरह, किसान के गोबर गैस प्लांट से निकली स्लरी को एफपीओ के जरिये खरीद की जाएगी. इसे एफपीओ 75 पैसे से लेकर 1 रुपये प्रति लीटर तक खरीदेंगे. अभी किसानों को प्रति लीटर दूध पर 10 रुपये की बचत होती है. सरकार का फोकस इस बात पर है कि किसानों को गोबर गैस, स्लरी और साइलेज से प्रति लीटर दूध पर अतिरिक्त 10 रुपये की बचत हो. इस तरह किसान प्रति लीटर 20 रुपये की बचत कर पाएगा जिससे उसकी कमाई दोगुनी हो जाएगी.
गोबर से समृ्द्धि योजना के अंतर्गत किसान अपने पड़ोंसी को गोबर गैस सिलेंडर बेचने के अलावा 50 से 100 मीटर की दूरी तक गैस कनेक्शन भी दे सकते हैं. एक प्लांट से हर दिन 100 लीटर स्लरी यानी लिक्विड खाद निकलेगी जिसे किसान 75 पैसे से 1 रुपये लीटर तक एफपीओ को बेच सकेंगे.
किसानों के पशु चारा और आहार के खर्च को कम करने के लिए इस योजना के अंतर्गत एफपीओ साइलेज प्लांट बनाएगा. किसान प्रति लीटर दूध पर किसानों को आधा किलो दाना देता है जिस पर 12 रुपये का खर्च आता है. लेकिन वही किसान अगर पशुओं को साइलेज चारा खिलाएगा तो प्रति लीटर 3 रुपये की लागत आएगी. इस तरह एफपीओ में बनाए गए चारे को किसान सस्ते में खरीद कर पशुओं को खिला सकेंगे. दूसरी ओर, साइलेज बनाने से एफपीओ को 20 लाख रुपये की बचत होगी जो पैसा बोनस के रूप में किसानों को दिया जाएगा.
बैतूल जिले में 100 किसानों का एक क्लस्टर बनाया जाएगा जिसमें हर दिन 10 टन स्लरी निकलेगी. इस स्लरी को एफपीओ खरीदेगा. इस स्लरी से हर महीने 60 टन फास्फेट रिच ऑर्गेनिक खाद और 9 हजार लीटर पोषक तत्वों से भरपूर लिक्विड खाद बनेगी. यह लिक्विड खाद किसानों को दी जाएगी. इन खादों से एफपीओ को हर महीने 1 लाख रुपये की आमदनी होगी. इसका लाभ क्लस्टर के किसानों को हर महीने 300 रुपये दिया जाएगा.
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