
Cow-Buffalo Feed गाय-भैंस का दूध उत्पादन घटने और बढ़ने के पीछे कई वजह होती हैं. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो गाय-भैंस के बीमार होने, मौसम का स्ट्रेस लेने, मौसम के मुताबिक देखभाल न होने, जरूरत और मानकों के मुताबिक शेड में इंतजाम नहीं होने पर दूध उत्पादन घट जाता है. लेकिन इसके अलावा भी एक और प्रमुख बड़ी वजह है गाय-भैंस की खुराक. अगर खुराक कम है और पौष्टिकक नहीं है तो भी दूध उत्पादन घट जाता है. इसलिए गाय-भैंस से भरपूर दूध लेने के लिए खुराक का पौष्टिक होना जरूरी है. इस तरह की खुराक से न सिर्फ पशु बाल्टी भरकर दूध देते हैं, बल्कि बीमारियों से भी दूर रहते हैं. पशु गर्भवती हो तो बच्चे हेल्दी होते हैं.
इतना ही नहीं लंपी जैसी संक्रमण वाली बीमारियों के अटैक का खतरा भी कम हो जाता है. सिर्फ हरा-सूखा चारा खिलाने से पशुओं का ना तो दूध बढ़ता है, ना ही उनकी अच्छे से ग्रोथ होती है और हैल्थ भी अच्छी नहीं रहती है. गाय-भैंस तंदरुस्त रहे इसके लिए जरूरी है कि उन्हें अच्छा खाने को मिले. जो खुराक उन्हें दी जा रही है उसमे हरा-सूखा चारा, मिनरल मिक्चर और बिनौले-बाईफैट भी शामिल हो. ऐसी ही खुराक को बेलेंस्ड डाइट कहा जाता है.
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि गाय-भैंस को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने के लिए और उत्पादन को और अच्छा करने के लिए उनकी खुराक में बाई फैट को शामिल करना पशुपालक के लिए फायदे का सौदा हो सकता है. बाई फैट भी पशु का आहार है. और ये बड़ी ही आसानी से आपको आपके आस पास की उन दुकानों पर मिल जाएगा जो पशु खुराक से जुड़े सामान बेचते हैं. बाई फैट को आप अच्छी तरह भून कर अपनी गाय और भैंस की रोजाना की खुराक में शामिल कर सकते हैं.
शुरुआत में एक पशु को बाई फैट की 100 ग्राम खुराक रोजाना दी जा सकती है. कुछ दिनों बाद इसी खुराक को 600 ग्राम तक कर सकते हैं. एक्सपर्ट का दावा है कि बाई फैट देने के कुछ ही समय बाद गाय-भैंस शारीरिक रूप से मजबूत और मोटी-ताजी होने लगते हैं. इसके अलावा पशु को रोजाना इसे देने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती है.
गाय-भैंस के मोटी-तगड़ी और उनके चमकदार होने की तुलना हमेशा हरियाणा-पंजाब की गाय-भैंस से की जाती है. हरियाणा की गाय-भैंस बहुत मोटी-तगड़ी होती हैं. साथ ही यहां की भैंसों की त्वचा बेहद चमकदार होती है. आपको बता दें कि ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जिस गाय-भैंस की खुराक में बिनौले शामिल होंगे तो वो गाय-भैंस मोटी-तगड़ी भी होगी और चमकदार भी बनेगी. लेकिन एनिमल एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि किसी भी हाल में गाय-भैंस को कच्चा बिनौला नहीं खिलाएं. ऐसा करने से पशु की तबीयत खराब हो सकती है. बाई फैट की तरह से बिनौला भी भून कर या अच्छी तरह पका कर ही पशुओं को खिलाएं.
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