बकरी का प्रतीकात्मक फोटो.Goat Lamb Care भेड़-बकरी पालन दूध से ज्यादा मीट के लिए किया जाता है. और मीट उत्पादन तभी होगा जब भेड़-बकरी से हर साल बच्चे मिलें. मतलब जो बच्चे पैदा हों वो बड़े भी हो जाएं. क्योंकि खासतौर से दिसम्बर-जनवरी में बच्चों को निमोनिया बहुत होता है. ये ऐसी जानलेवा बीमारी है जिसकी चपेट में बच्चे बहुत आते हैं. गोट-शीप एक्सपर्ट का कहना है जितने बच्चे हर साल बढ़े होंगे तो उन्हें बेचकर उतना ही ज्यादा मुनाफा होगा. लेकिन सबसे बड़ा टॉरगेट ये होता है कि बच्चों की मृत्यु दर को कंट्रोल कैसे किया जाए. अगर किसी भी भेड़-बकरी पालक ने बच्चों की मृत्यु दर को कंट्रोल कर लिया तो फिर वो भरपूर मुनाफा कमाएगा.
लेकिन ये तब होगा जब छोटे बच्चों को ठंड से बचाया जाए. खासतौर पर दिसम्बर-जनवरी की ठंड में उन्हें निमोनिया न होने दिया जाए. हालांकि केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा ने एक ऐसा शेड तैयार किया है जो छोटे बच्चों को कड़ाके की ठंड से बचाता है. इस शेड को सोलर सिस्टम से संचालित किया जाता है.
सीआईआरजी के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. बी. राय ने किसान तक को बताया कि बकरी पालन में बच्चों की मृत्य दर कम करने और उन्हें ठंड से बचाने के लिए सोलर ड्रायर विंटर प्रोटेक्शन सिस्टम तैयार किया गया है. ये दोहरे काम करता है. सबसे पहले हम बच्चों को निमोनिया से बचाने की बात करें तो ठंड के मौसम ही नहीं गर्मी में भी बकरी के बच्चों को निमोनिया हो जाता है. इसलिए खासतौर पर ठंड के मौसम में बच्चों की सुरक्षा बहुत जरूरी हो जाती है.
ट्रॉयल के तौर पर हमने सीआईआरजी में इस सिस्टम को लोहे की जाली के ऊपर बनाया है.
जाली के पीछे प्लास्टिक की शीट्स लगाई गई हैं. इसके पीछे कुशन के पैनल लगाए जाते हैं. इस तरह बाहर की ठंडी हवा अंदर शेड में नहीं आती है. अंदर और गर्मी पैदा करने के लिए कुछ ज्यादा वॉट्स की लाइट लगाई जाती हैं. ऐसा सब करने से शेड के अंदर घुटन न हो इसके लिए एक एग्जॉास्ट फैन लगा दिया गया है. शेड में बिजली की सप्लाई बराबर बनी रहे इसके लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया गया है. ऐसा करने से बच्चे बाहर के ठंडे मौसम से बच जाते हैं.
डॉ. बी. राय ने बताया कि ये शेड सर्दी के लिए चारे का इंतजाम भी करता है. जैसे बरसात के दिनों में हरा चारा बहुत होता है. लेकिन उसके अंदर नमी बहुत ज्यादा होती है, इसलिए उसे साइलेज या हे बनाकर नहीं रखा जा सकता है. और सुखाने की बात करें तो बरसात में हरे चारे को सुखाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है. इसलिए इस खास सोलर ड्रॉयर का इस्तेमाल बरसात के दिनों में हरा चारा सुखाने में भी किया जा सकता है. और जैसे ही सर्दी शुरू हों तो बकरियों को सूखा हुआ चारा खिलाने के साथ ही बच्चों को रखने के लिए सूखी घास की तरह से जमीन पर बिछाया भी जा सकता है.
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