Zoonotic Disease: जूनोटिक बीमारियों को देखते हुए ‘मास्टर इन वन हेल्थ’ कोर्स शुरू करने जा रहा IVRI

Zoonotic Disease: जूनोटिक बीमारियों को देखते हुए ‘मास्टर इन वन हेल्थ’ कोर्स शुरू करने जा रहा IVRI

Zoonotic Disease Course एक्सपर्ट की मानें तो जूनोटिक या फिर जूनोसिस बीमारी वो होती हैं जो पशुओं से इंसानों में होती हैं. कोविड, इबोला, जीका वायरस, रैबीज और एवियन इंफ्लूंजा आदि बीमारी इसी कैटेगिरी में आती हैं. इसी को देखते हुए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), बरेली मास्टर इन वन हेल्थ कोर्स शुरू करने जा रहा है.

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Zoonotic Disease: जूनोटिक बीमारियों को देखते हुए ‘मास्टर इन वन हेल्थ’ कोर्स शुरू करने जा रहा IVRIआईवीआरआई, बरेली इस नए कोर्स को साल 2026 से शुरु करेगा.

Zoonotic Disease Course खासतौर कोरोना (कोविड19) के बाद से संक्रमण से होने वाली बीमारियों को लेकर लोग सजग हो रहे हैं. बहुत सारे लोगों ने तो ऐहतियात बरतना शुरु कर दिया है. संक्रमण से होने वाली महामारी के बारे में किसी को नहीं पता कि कब और कहां से संक्रमण आपको लग जाएगा. इसी को देखते हुए वर्ल्ड लेवल पर वन हैल्थ मिशन शुरू किया गया है. भारत में भी नेशनल वन हैल्थ मिशन (NOHM) शुरू किया गया है. इसी को देखते हुए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), बरेली मास्टर इन वन हेल्थ कोर्स शुरू करने जा रहा है. ये कोर्स साल 2026 में शुरु होगा. 

इसके साथ ही मास्टर इन वाइल्ड लाइफ हेल्थ कोर्स भी संस्थान में शुरू किया जा रहा है. अभी हाल ही में आईवीआरआई ने बीटेक (डेयरी टेक्नोलॉजी), एमबीए और मास्टर इन एनाटॉमी जैसे पाठ्यक्रम शुरू किए हैं. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो घर के अंदर पाला जाने वाला पशु हो या फिर सड़क पर घूमने वाला पशु, 70 से ज्यादा ऐसी बीमारियां हैं जो पशुओं से इंसानों को होती है. इस तरह की बीमारियों को जूनोटिक बीमारी कहा जाता है.

जूनोटिक के बारे में क्या बोले एक्सपर्ट

एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो कोविड, स्वाइन फ्लू, एशियन फ्लू, इबोला, जीका वायरस, एवियन इंफ्लूंजा समेत और भी न जानें ऐसी कितनी महामारी हैं जो पशु-पक्षियों से इंसानों में आई हैं. इसकी पूरी एक लम्बी फेहरिस्त है. हालांकि एक रिपोर्ट के मुताबिक 17 लाख वायरस जंगल में फैले होते हैं. इसमे से बहुत सारे ऐसे हैं जो जूनोटिक हैं. जूनोटिक के ही दुनिया में हर साल एक बिलियन केस सामने आते हैं और इससे एक मिलियन मौत हो जाती हैं. लेकिन अब वर्ल्ड लेवल पर इस पर काबू पाने की कवायद शुरू हो गई है. भारत में भी एनओएचएम के नाम से अभियान शुरू कर दिया गया है.. हालांकि शुरुआती दौर में यह पहले पांच राज्यों से शुरू किया गया था. लेकिन अब जी-20 महामारी कोष से बजट मिलने के बाद इसे देशभर में चलाया जाएगा.

जूनोटिक से निपटने को ये है तैयारी 

  • नेशनल और स्टेदट लेवल पर महामारी की जांच को संयुक्त टीम बनेगी. महामारी फैलने पर संयुक्तं टीम रेस्पांस करेगी. 
  • नेशनल लाइव स्टॉक मिशन की तरह से सभी पशुओं के रोग की निगरानी का सिस्टम तैयार किया जाएगा. 
  • मिशन के रेग्यूलेटरी सिस्टम को मजबूत बनाने पर काम होगा. जैसे नंदी ऑनलाइन पोर्टल और फील्ड परीक्षण दिशा निर्देश हैं. 
  • महामारी फैलने से पहले लोगों को उसके बारे में चेतावनी देने के लिए सिस्टम बनाने पर काम होगा. 
  • नेशनल डिजास्टर मैंनेजमेंट अथॉरिटी के साथ मिलकर जल्द से जल्द महामारी की गंभीरता को कम करना. 
  • प्राथमिक रोगों के टीके और उसका इलाज विकसित करने के लिए तय अनुसंधान कर उसे तैयार करना. 
  • रोग का पता लगाने के तय समय और संवेदनशीलता में सुधार के लिए जीनोमिक और पर्यावरण निगरानी फार्मूले तैयार करना जैसे काम होंगे.

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