Lumpy: गायों के बाड़े में जरूर करें ये 20 काम, कभी नहीं होगी जानलेवा लंपी बीमारी

Lumpy: गायों के बाड़े में जरूर करें ये 20 काम, कभी नहीं होगी जानलेवा लंपी बीमारी

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि अगर पशुओं के बाड़े में साफ-सफाई रखी जाए तो लंपी वायरस को फैलने से रोका जा सकता है. खासतौर पर बाड़े के फर्श को सूखा रखें और वहां गंदगी न फैलने दें. बाड़े में पशुओं के साथ ही वहां रहने वाला स्टाफ भी बॉयो सिक्योरिटी का पालन करे. 

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Lumpy: गायों के बाड़े में जरूर करें ये 20 काम, कभी नहीं होगी जानलेवा लंपी बीमारी(प्रतीकात्मक तस्वीर)

लंपी गायों की जानलेवा बीमारी है. अभी लंपी के इलाज के नाम पर सिर्फ एक वैक्सीन है. लेकिन, एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो वैक्सीन लगवाने के अलावा अगर गायों के बाड़े में कुछ जरूरी उपाय अपना लिए जाएं तो गाय लंपी की चपेट में आने से बच जाएंगी. हालांकि आज देश का कोई ऐसा राज्य नहीं है जहां लंपी ने अपना असर ना दिखाया हो. एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि वैसे तो लंपी के फैलने का कोई तय वक्त नहीं है, लेकिन बारिश के दौरान या फिर पशुओं के शेड में गंदगी ज्यादा होने पर ये बीमारी जल्दी अपना असर दिखाती है. 

लंपी बीमारी का वायरस मच्छर और मक्खी की मदद से दूसरी गायों में तेजी से फैलता है. लेकिन एक्सपर्ट के लंपी से जुड़े टिप्स अपनाकर लंपी बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है. हालांकि क्लाइमेट चेंज को देखते हुए बॉयो सिक्योरिटी को आज पशु शेड की बड़ी जरूरत माना जा रहा है. साइंटीफिक तरीके से पशुपालन करने को भी डेयरी सेक्टर की जरूरत माना जा रहा है.

गायों को लंपी से बचाएंगे ये 20 उपाय 

  • लंपी बीमारी से पीड़ित पशुओं को हेल्दी पशुओं से अलग कर देना चाहिए. 
  • बीमार पशुओं को हेल्दी पशुओं के संपर्क में नहीं आने देना चाहिए. 
  • बाड़े में मच्छर-मक्खियों को रोकने के लिए साइपिमैथिन, डेल्टामैविन, अवमिताज दवा का इस्तेमाल करें.
  • दो मिली प्रति एक लीटर पानी में दवा मिलाकर शेड में छिड़काव करना चाहिए. 
  • बीमारी वाले क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में पशुओं का आवागमन बंद कर देना चाहिए. 
  • बीमारी फैलने की अवस्था में पशुओं को पशु मेले में नहीं ले जाना चाहिए. 
  • पशुओं के प्रबंध में लगे वाहन और उपकरण की साफ-सफाई करनी चाहिए. 
  • संक्रमित पशुओं की देखभाल में लगे व्यक्तियों को सैनेटाइजेशन करना चाहिए. 
  • पशुओं के बाड़े में बाहरी व्यक्ति और वाहन के प्रवेश पर रोक लगा देनी चाहिए. 
  • बाड़े में हर रोज चूना पाउडर का छिड़काव करना चाहिए. 
  • पशु आवास में गोबर-मूत्र गंदगी आदि को जमा नहीं होने देना चाहिए. 
  • बीमार पशु के दूध का इस्तेमाल उबालकर करना चाहिए. 
  • रोगी पशु को संतुलित आहार हरा चारा, दलिया खिलाएं. 
  • संतुलित आहार से पशु में रोगों से लड़ने की क्षमता मजबूत होती है.
  • लंपी से मरे पशुओं को गहरे गड्ढे में चूना और नमक डालकर दबा देना चाहिए. 
  • मरे हुए पशु को खुले में नहीं फेंकना चाहिए, इससे बीमारी और फैल सकती है. 
  • लंपी से मृत पशु को लोगों के रिहायशी स्थान से दूर दफनाना चाहिए.
  • जहां पशु पानी पीते हों या चारा खाते हों वहां मृत पशु को नहीं दफनाना चाहिए. 
  • मृत पशुओं के परिवहन में इस्तेमाल वाहन को सोडियम हाइपोक्लोराइट से धोना चाहिए. 
  • मृत पशु के चारे दाने को भी जलाकर नष्ट कर देना चाहिए. 

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