देश में किसान दूध बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. लेकिन तमिलनाडु के कोयम्बटूर जिले में डेयरी किसानों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. किसानों की शिकायत है कि आविन ने पिछले दो महीनों से दूध पर मिलने वाली 3 रुपए प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि जारी नहीं की है. कोयंबटूर के डेयरी किसान आर जगन्नाथन ने बताया कि बाजार में आविन के खुदरा मूल्य की स्थिरता बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 3 रुपए प्रोत्साहन राशि की घोषणा की थी. आम तौर पर आविन किसानों को खरीदे गए दूध की राशि दस दिन में एक बार देता है. लेकिन प्रोत्साहन राशि का भुगतान नियमित रूप से नहीं किया जाता है. जून की प्रोत्साहन राशि दस दिन पहले जारी की गई.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आर जगन्नाथन ने कहा कि हमें नहीं पता कि जुलाई और अगस्त की प्रोत्साहन राशि कब जारी होगी. उन्होंने बताया कि प्रोत्साहन राशि जारी होने में देरी के कारण डेयरी किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. तमिलनाडु दुग्ध उत्पादक कल्याण संघ के राज्य महासचिव एमजी राजेंद्रन ने कहा कि औसतन, एक किसान एक लीटर दूध उत्पादन के लिए इनपुट लागत पर 63.25 रुपये खर्च करता है. आविन 4.3 फीसदी वसा और 8.2 प्रतिशत सॉलिड्स नॉट फैट (एसएनएफ) वाले दूध के लिए 35 रुपये खरीद मूल्य देता है. लेकिन पशु आहार की कीमत में वृद्धि के कारण, किसान वर्तमान खरीद मूल्य पर मवेशियों को रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि हम कई वर्षों से सरकार से दूध का खरीद रेट बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. सरकार ने हमारी मांग पर ध्यान नहीं दिया, क्योंकि खरीद मूल्य बढ़ाने से खुदरा दूध की कीमत बढ़ जाएगी जिसका असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. इसके बजाय, दिसंबर 2023 में सरकार प्रोत्साहन देगी. लेकिन प्रोत्साहन का भुगतान नियमित नहीं है, हमें डर है कि इसे कभी भी रोका जा सकता है. आविन संघ के सदस्य केए सुब्रमण्यम ने कहा कि एक साल में केंद्रित पशु आहार की कीमत 9 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर 26 रुपये हो गई है. दूध उत्पादक अपने मवेशियों को रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस बीच देरी उनके बोझ को बढ़ाती है.
वहीं, आविन दूध सोसाइटी के सचिव ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जिन दूध सोसायटियों की आर्थिक स्थिति अच्छी है, उन्हें आविन ने मौखिक रूप से निर्देश दिया है कि वे अपने खाते से किसानों को प्रोत्साहन राशि दे सकती हैं. लेकिन, पोलाची में हमारी सोसाइटी फंड की कमी के कारण जुलाई और अगस्त के लिए प्रोत्साहन राशि जारी नहीं कर पा रही है. आविन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने दूध उत्पादकों की चिंता को टीएनसीएमपीएफ को बता दिया है. फंड जारी होने के बाद, इसका भुगतान सीधे किसानों को किया जाएगा. बार-बार प्रयास करने के बावजूद, दूध और डेयरी विकास मंत्री टी मनो थंगराज से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका.
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