Goat Milk Powder: बकरी के दूध का पाउडर बनाकर बेचा तो होगा खूब मुनाफा, जानें कितनी आएगी लागत

Goat Milk Powder: बकरी के दूध का पाउडर बनाकर बेचा तो होगा खूब मुनाफा, जानें कितनी आएगी लागत

गोट एक्सपर्ट की मानें तो बरसात से लेकर सर्दियों तक में बकरी के दूध का उत्पादन कम हो जाता है. जबकि डेंगू और कोरोना जैसी बीमारी में बकरी का दूध बहुत फायदेमंद है. इसलिए ऑफ सीजन में भी दूध की कमी न हो इसलिए दूध का पाउडर बनाया जा रहा है. बकरी पालक केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा में दूध ले जाकर पाउडर बनवा सकते हैं.

Advertisement
Goat Milk Powder: बकरी के दूध का पाउडर बनाकर बेचा तो होगा खूब मुनाफा, जानें कितनी आएगी लागतबकरी का दूध है पोषण का भंडार

बेशक बकरी के दूध की डिमांड का कोई सीजन नहीं है. लेकिन, गोट एक्सपर्ट की मानें तो साल के 12 महीने में कभी भी बकरी के दूध की डिमांड आने लगती है. और ये होता है खासतौर पर डेंगू फैलने के दौरान. या फिर कोरोना जैसी बीमारी की चपेट में आने पर. अब क्योंकि बकरी के दूध का उत्पादन बहुत कम है तो ऐसे वक्त में दूध की डिमांड पूरी कर पाना नामुमकिन सा हो जाता है. जिसका नुकसान बकरी पालक को तो होता ही है, साथ ही बाजार में कम दूध होने के चलते ग्राहक को भी मुंह मांगे दाम चुकाने पड़ते हैं. 

लेकिन केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा ने इसका हल निकाल लिया है. सीआईआरजी ने बकरी के दूध का पाउडर बनाने वाला प्लांट लगाया है. दूध से पाउडर कैसे बनाया जाए इसकी ट्रेनिंग सीआईआरजी देगा. साथ ही अगर कोई बकरी पालक अपनी बकरियों के दूध का पाउडर बनवाना चाहता है तो वो भी सीआईआरजी से संपर्क कर सकता है. 

बकरी का दूध पीने से बढ़ती हैं प्लेटलेट्स

सीआईआरजी के डॉयरेक्टर डॉ. मनीष कुमार चेतली का कहना है कि डेंगू होने पर मरीज की प्लेटलेट्स काउंट कम होने लगती हैं. ऐसे वक्त में डॉक्टर भी मरीज को बकरी का दूध पिलाने की सलाह देते हैं. क्योंकि बकरी का दूध पीने से प्लेटलेट्स काउंट तेजी से बढ़ने लगती हैं. जानकारों का कहना है कि बकरी का दूध शरीर में इम्यूनिटी भी बढ़ाता है. लेकिन असल परेशानी आती है बकरी का प्योर दूध मिलने की. कुछ लोग तो इसमे भी खेत करते हुए गाय का दूध मिला देते हैं.

बरसात से सर्दियों तक हो जाती है कमी

गोट एक्सपर्ट बताते हैं कि बरसात से लेकर सर्दियों के मौसम तक बकरी के दूध उत्पादन में कमी आ जाती है. दूध उत्पादन करीब-करीब 60 से 70 फीसद तक घट जाता है. ऐसे वक्त में सबसे ज्यादा बकरी के दूध की कमी महसूस होने लगती है. इसी को देखते हुए बीते चार साल पहले सीआईआरजी ने बकरी के दूध से पाउडर बनाने पर काम शुरू किया था. तीन साल की रिसर्च के बाद साल 2024 में सीआईआरजी ने पुणे से 20 कीमत की मशीन मंगवाईं थी. इस प्लांट को सीआईआरजी में लगाया गया है. प्लांट ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया है. ट्रॉयल के तौर पर सीआईआरजी अब तक करीब छह किलो पाउडर बना चुका है. सीआईआरजी के एक्सपर्ट बताते हैं कि एक लीटर बकरी के दूध में 150 ग्राम पाउडर बनता है. दूध से पाउडर बनाने की तकनीक को बाजार में लाने के लिए सीआईआरजी ने महाराष्ट्र की सामाजिक संस्था शिंदे फाउंडेशन के साथ एमओयू साइन किया है. 

ये भी पढ़ें-Dairy Plan and War: लड़ाई के दौरान देश में नहीं होगी दूध-मक्खन की कमी, ये है डेयरी का प्लान

ये भी पढ़ें-Artificial Insemination: अप्रैल से जून तक हीट में आएंगी बकरियां, 25 रुपये में ऐसे पाएं मनपसंद बच्चा

 

POST A COMMENT