Amul Dairy: यूपी के बागपत में बनेगा 10 लाख लीटर दूध का प्रोसेसिंग प्लांट, नॉर्थ इंडिया का होगा 5वां 

Amul Dairy: यूपी के बागपत में बनेगा 10 लाख लीटर दूध का प्रोसेसिंग प्लांट, नॉर्थ इंडिया का होगा 5वां 

Amul Dairy Plant अमूल को संचालित करने वाली बनास मिल्क कोऑपरेटिव सोसाइटी लगातार उत्तर भारत में डेयरी प्लांट लगा रही है. साल 2024 में वाराणसी में डेयरी प्लांट शुरू किया गया था. वहीं अब बागपत में प्लांट निर्माण की तैयारी चल रही है. मिल्क पाउडर बनाने की यूनिट पर भी बड़ा फैसला लिया गया है. ये घोषणाएं बनास की एजीएम में लिए गए हैं. 

Advertisement
Amul Dairy: यूपी के बागपत में बनेगा 10 लाख लीटर दूध का प्रोसेसिंग प्लांट, नॉर्थ इंडिया का होगा 5वां बनास-अमूल डेयरी का वाराणसी प्लांट.

Amul Dairy Plant पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. ये खुशखबरी खासतौर से पशुपालक और दूध कारोबार से जुड़े लोगों के लिए. जल्द ही बागपत में एक डेयरी प्लांट लगने जा रहा है. इस प्लांट में हर रोज 10 लाख लीटर दूध प्रोसेस किया जाएगा. इसकी घोषणा हाल ही में देश की सबसे बड़ी मिल्क कोऑपरेटिव सोसाइटी बनास डेयरी ने की है. हाल ही में अहमदाबार में हुई सोसाइटी की एजीएम में अध्यक्ष शंकर चौधरी ने इसकी घोषणा की है. बागपत के साथ ही नॉर्थ इंडिया में बनास डेयरी का ये 5वां प्लांट होगा. इससे पहले सोसाइटी फरीदाबाद, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी में भी प्लांट की शुरुआत कर चुकी है. वाराणसी में पीएम नरेन्द्र मोदी ने प्लांट का उद्घाटन किया था. 

एजीएम के दौरान एक और बड़ी घोषणा की गई है. सोसाइटी जल्द ही देश का सबसे बड़ा मिल्क पाउडर प्लांट बनाने जा रही है. इस प्लांट में रोजाना 150 मिल्क पाउडर बनाया जाएगा. चौधरी का कहना है कि बीते साल पीक सीजन में जितना दूध रोजाना खरीदा गया उसे हम पूरा नहीं बेच पा रहे हैं. उसी का मिल्क पाउडर बनवाने के लिए हमे प्राइवेट लोगों पर निर्भर रहना पड़ता है जो बहुत महंगा पड़ता है. तीन साल में ही हम प्लांट की लागत को निकाल लेंगे. 

अमेरिका की डेयरी को लेकर क्या बोले अध्यक्ष 

एजीएम के दौरान शंकर चौधरी ने कहा कि अमेरिका मांसाहारी पशुओं के दूध को बढ़ावा दे रहा है. अमेरिकी सरकार भारत को दूध और आनाज इंपोर्ट करने के प्रस्ताव दे रहा है. अमेरिका की पूरी कोशि‍श है कि मांसाहारी पशुओं के दूध को भारतीय बाजार में लाया जाए. काफी साल से अमेरिका की ये कोशि‍श चल रही है. असल में उनके पास पशुओं के बड़े फार्म हैं. उन्हें मवेशियों के चारे पर खर्च नहीं करना पड़ता. उनके पास मैदानों में बहुत घास है. जबकि हमें अपने हर एक मवेशी के लिए चारे का इंतजाम करना पड़ता है. वहीं उनके पास ऐसी गाय हैं जो एक दिन में 50 लीटर दूध दे सकती हैं. इसलिए वो लोग 15 से 20 डॉलर प्रति लीटर दूध बेच लेते हैं. क्योंकि उन्हें चारे पर कोई खर्च करना नहीं पड़ता. वहीं दूध में फैट और कैल्शियम बढ़ाने के लिए वो लोग स्लॉटर हाउस से बचा हुआ फैट लेते हैं और उसे मवेशियों के चारे में मिलाकर खि‍लाया जाता है. यह उनके बहुत सस्ता पड़ता है. जबकि हमारे गुजरात स्थित डेयरी फार्म देसी गायों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं. 

बनास डेयरी के मुनाफे पर ये हुई बात 

शंकर चौधरी ने बनास डेयरी के मुनाफे पर बात करते हुए कहा कि 
बनास डेयरी ने साल 2024-25 के दौरान 21295 करोड़ रुपये का कारोबार किया था.  वहीं चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 11.6 फीसद के लक्ष्य के साथ 23761 करोड़ रुपये का कारोबार करने का लक्ष्य रखा गया है.

ये भी पढ़ें-Egg Export: अमेरिका ने भारतीय अंडों पर उठाए गंभीर सवाल, कहा-इंसानों के खाने लायक नहीं...

ये भी पढ़ें-Milk Growth: दूध का फ्रॉड रोकने को गाय-भैंस के खरीदार करा रहे डोप टेस्ट, पढ़ें डिटेल

POST A COMMENT