देश में मछली पालन का बिजनेस तेजी से फैलता जा रहा है. गांव से लेकर कस्बो तक में छोटे से लेकर बड़े किसान मछली पालन कर रहे हैं. इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है. खास बात यह है कि मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी किसानों को प्रोत्साहित कर रही हैं. इसके लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है. लेकिन इसके बावजूद भी कई किसानों को मछली की उन्नत प्रजातियों की जानकारी नहीं होने के चलते नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में आज हम मछली की एक ऐसी प्रजाति के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसका पालन करने पर किसान मालामाल हो जाएंगे, क्योंकि इस प्रजाति की मार्केट में बहुत अधिक डिमांड है और उसकी कीमत भी रोहू-कतला के मुकाबले बहुत अधिक है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हम जिस मछली की प्रजाति के बारे में बात करने जा रहे हैं, उसका नाम ‘अवौस मोटला’ है. यह एक नई प्रजाति की मछली है. वैज्ञनिकों ने पिछले साल ओडिशा की महानदी में इस मछली की खोज की थी. खास बात यह है कि इस मछली की बहुत अधिक मार्केट में डिमांड है. मार्केट में रोहू-कतला के मुकाबले तीन गुना अधिक रेट पर बिकती है. अभी ताजी अवौस मोटला की कीमत 600 रुपये प्रति किलो है, जबकि सूखने पर इसका रेट 800 रुपये प्रति किलो हो जाता है. ऐसे में अगर किसान इस मछली का पालन करते हैं, तो उन्हें बंपर मुनाफा होगा. ऐसे मार्केट में रोहू-कतला की कीमत में 150 रुपये से 200 रुपये किलो के बीच होता है.
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खास बात यह है कि इस मछली की खोज पिछले साल ओडिशा सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से चलाई गई अनुसंधान परियोजना के दौरान की गई थी. बेरहामपुर विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान विभाग के प्रमुख अन्वेषक प्रोफेसर जय किशोर सेठ का कहना है कि यह मछली पश्चिमी ओडिशा के बाजारों में बिक रही है. मछुआरे ताजी मछली को 600 रुपये प्रति किलो बेच रहे हैं. इस नई प्रजाति का विवरण जर्नल ऑफ फिश बायोलॉजी के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित किया गया है.
वैज्ञानिकों कहना है कि इस प्रजाति को ताजे पानी में रहने वाली वाली मछली की श्रेणी में रखा गया है. जय किशोर सेठ के अनुसार हमने जेडएसआई के एस्टुरीन (ज्वारनदीमुख) बायोलॉजी रीजनल सेंटर के अनिल महापात्र और ऑस्ट्रेलिया के एक वैज्ञानिक के साथ मिलकर नमूनों का रिजर्च किया. रिसर्च में पता लगा है कि यह प्रजाति नई थी और कई पहलुओं में अन्य प्रजाति की मछलियों से अलग थी. जय किशोर सेठ ने कहा कि सोनपुर क्षेत्र के मछुआरों ने मछली का नाम ‘मोटला’ रखा है.
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