Animal Husbandry: छोटे किसान और महिलाओं को स्थायी आजीविका दे रहा है पशुपालन-केन्द्रीय मंत्री Animal Husbandry: छोटे किसान और महिलाओं को स्थायी आजीविका दे रहा है पशुपालन-केन्द्रीय मंत्री
Indian Animal Husbandry केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), रोम में बोलते हुए बताया कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है. बीते साल 24 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ था. जो विश्व के कुल दूध उत्पादन में 25 फीसद की हिस्सेदारी निभाता है. जबकि भारत अंडों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और भैंस के मीट का एक प्रमुख निर्यातक भी है.
तस्करों ने रात के अंधेरे में अलग-अलग इलाकों से 6 गायों को पिकअप गाड़ी में डालकर चोरी कर लिया. (Photo: Representational)नासिर हुसैन - New Delhi,
- Sep 30, 2025,
- Updated Sep 30, 2025, 11:18 AM IST
Indian Animal Husbandry हाल ही में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), रोम में पशुधन परिवर्तन पर दूसरे वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करने गए थे. इस मौके पर उन्होंने भारत की किसान केंद्रित पहल, इन्नोवेशन एंड चेंज पर बात की, जो देश में पशुधन और डेयरी सेक्टर में विकास को गति दे रहे हैं. साथ ही उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि कोविड-19 के बाद से भारत की कल्याणकारी नीतियों के चलते ही करीब 27 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला है.
इतना ही नहीं पशुधन से जुड़ी योजनाओं के चलते ही करीब दो-तिहाई ग्रामीण परिवारों, लाखों छोटे किसानों और महिलाएं को स्थायी आजीविका प्रदान करने में कामयाबी हासिल की है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने खाद्य सुरक्षा तय करने, पोषण संबंधी परिणामों में सुधार, आजीविका को मजबूत करने और गरीबी उन्मूलन के लिए कई परिवर्तनकारी योजनाओं की शुरुआत की है.
केन्द्रीय मंत्री ने FAO में ये जानकारियां भी दीं
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन की मदद से भारत देशी मवेशियों की नस्लों का संरक्षण और आनुवंशिक सुधार कर रहा है. इसके चलते 9.2 करोड़ से ज्यादा पशुओं को लाभ हुआ है जिसके साथ 5.6 करोड़ पशुपालक जुड़े थे.
- भारत दुनिया का सबसे बड़ा पशुधन टीकाकरण कार्यक्रम चलाता है, जिसमें प्रमुख बीमारियों से निपटने के लिए सालाना 1.2 अरब से ज्यादा खुराकें दी जाती हैं. भारत उच्च गुणवत्ता वाले टीकों के उत्पादन और निर्यात का एक वैश्विक केंद्र भी है.
- राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन के माध्यम से भारत ने एक डिजिटल पहचान प्रणाली विकसित की है, जिससे पशुओं का पता लगाना, रोग का शीघ्र पता लगाना और पशु उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करना आसान हो गया है. अब तक 35 करोड़ से ज्यादा पशुओं और 9.4 करोड़ पशुपालकों का पंजीकरण हो चुका है.
- भारत का 350 करोड़ अमेरिकी डॉलर का पशुपालन अवसंरचना विकास कोष डेयरी, प्रजनन, चारा संयंत्रों और मीट प्रोसेसिंग में निवेश करने में मदद करता है.
- जमीनी स्तर पर भारत ने मैत्री कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय संसाधन व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया है, जिससे वे दूरदराज के इलाकों में भी प्रजनन सेवाएं प्रदान कर सकें. ए-हेल्प के माध्यम से, भारत ग्रामीण महिलाओं को पशु स्वास्थ्य सेवा में सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त बना रहा है.
- भारत ने कृषि खाद्य प्रणालियों में रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) पर प्रस्ताव का समर्थन किया है और वैश्विक कार्य योजना के अनुरूप राष्ट्रीय कार्य योजना का क्रियान्वयन कर रहा है.
- भारत ने पशु स्वास्थ्य सुरक्षा प्रणालियों को मज़बूत करने हेतु जी-20 महामारी कोष से 2.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का अनुदान प्राप्त किया है. एफएओ, एडीबी और विश्व बैंक का इसमे साथ मिल रहा है.
- भारत महिलाओं के नेतृत्व में विकास के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है. भारत के डेयरी सेक्टर में 70 फीसद से ज़्यादा कर्मचारी महिलाएं हैं.
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