Amul-NDDB समेत महिला एफपीओ को मिला इंटरनेशनल डेयरी अवार्ड, पढ़ें डिटेल

Amul-NDDB समेत महिला एफपीओ को मिला इंटरनेशनल डेयरी अवार्ड, पढ़ें डिटेल

इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन (आईडीएफ) पर्यावरण की देखभाल करते हुए दूध और डेयरी प्रोडक्ट की प्रोसेसिंग में सुधार करने वाली कंपनियों और डेयरी प्लांट को प्रोत्साहित करता है. आईडीएफ के प्रेसिडेंट पियरक्रिस्टियानो ब्रेज़ाले का कहना है कि इस तरह के नवाचार को वैज्ञानिक अनुसंधान और नॉलेज के साथ गहराई से जोड़ा जाना चाहिए.

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Amul-NDDB समेत महिला एफपीओ को मिला इंटरनेशनल डेयरी अवार्ड, पढ़ें डिटेलपेरिस में एक समारोह के दौरान ये अवार्ड दिए गए हैं.

पेरिस, फ्रांस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अमूल, एनडीडीबी और राजस्थान के एक महिला एफपीओ को इंटरनेशनल डेयरी अवार्ड दिया गया है. दुनियाभर के 10 लोगों को ये अवार्ड दिया गया है. इसमे से तीन भारतीय हैं. सबसे ज्यादा चर्चा अमूल के अवार्ड को लेकर हो रही है. गाय-भैंसों का इलाज हौम्योपैथी से करने के चलते अमूल को ये अवार्ड दिया गया है. वहीं महिला एफपीओ आशा को पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलने वाला डेयरी प्लांट बनाने के लिए ये अवार्ड दिया गया है. 

इस अवार्ड समारोह का आयोजन इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन (आईडीएफ) की ओर से किया गया था. आईडीएफ ने अवार्ड की घोषणा अपने सोशल मीडिया पेज पर की है. गौरतलब रहे एंटी माइक्रोबियल रेसिस्टेंट (एएमआर) के असर को कम करने के लिए अमूल पशुओं पर हौम्योपैथी के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहा है. 

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हौम्योपैथी से हो रहा है गाय-भैंस की 26 बीमारियों का इलाज 

अमूल डेयरी ने हौम्योपैथी से गाय-भैंस का इलाज करने के लिए जागरुकता अभि‍यान शुरु किया है. अमूल खुद भी गाय-भैंस से जुड़ी 26 बीमारियों का इलाज करने के लिए हौम्योपैथी की मदद ले रहा है. अभी तक अमूल ने हौम्योपैथी की मदद से करीब 68 हजार पशुओं का इलाज हौम्योपैथी से किया और वो सही भी हो गए. इस दौरान एंटीबायोटिक का इस्तेमाल ना के बराबर किया गया. हौम्योपैथी की बात करें तो इसी साल मई तक अमूल ने हौम्योपैथी की 3.30 लाख खुराक दवाई तैयार की और 1.80 लाख लोगों तक उसका वितरण भी किया. 

NDDB की मदद से बायो डेयरी चला रही हैं महिलाएं

सुंदरबन, पश्चिसम बंगाल में सुंदरबन सहकारी दूध और पशुधन उत्पादक संघ लिमिटेड एक डेयरी चला रहे हैं. इस डेयरी को तकनीकी समेत हर तरह से एनडीडीबी मदद करती है. खास बात ये है कि इस डेयरी का संचालन पूरी तरह से महिलाएं करती हैं. इनकी संख्या 4.5 हजार है. ये बायो डेयरी है. सुंदरबन सहकारी दूध और पशुधन उत्पादक संघ लिमिटेड विशेष गाय घी, जैविक चावल, जैविक दालें, जैविक आवश्यक तेल, भारतीय मिठाइयां, खाने के लिए तैयार स्नैक्स और विशेष सुंदरबन शहद जैसे विशिष्ट उत्पादों के लिए एक जाना-माना नाम है. साल 1997 में इसकी स्थापना हुई थी. 

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सौर ऊर्जा से चलता है महिलाओं का चिलर प्लांट

आशा महिला दूध उत्पादक कंपनी लिमिटेड को भी इंटरनेशनल डेयरी अवार्ड दिया गया है. ये महिलाओं द्वारा संचालित मिल्क चिलर प्लांट है. खास बात ये है कि इसका संचालन सौर ऊर्जा से किया जाता है. ये राजस्थान में संचालित है. प्लांट की महिला हैड ने राजस्थान की ट्रेडिशनल ड्रेस पहुंचकर पेरिस में ये अवार्ड लिया.  

 

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