“संडे हो या मंडे रोज खाएं अंडे.” बहुत सारे ऐसे लोग होंगे जिन्होंने बचपन से ही टीवी पर ये लाइन जरूर सुनी होगी. अंडे की खपत बढ़ाने और लोगों को जागरुक करने के लिए ये विज्ञापन चलाया जाता है. नेशनल एग कोऑर्डिनेटर कमेटी (एनईसीसी) ये विज्ञापन चलवाती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि टीवी पर आने वाला यह विज्ञापन कई मायनों में कामयाब माना जा रहा है. अंडे की खपत तेजी से बढ़ रही है. लोगों को समझ आने लगा है कि कम पैसों में प्योर और ज्यादा प्रोटीन सिर्फ अंडों में ही मिल सकता है.
केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय की एक रिपोर्ट बताती है कि हर साल हमारी खुराक में अंडों की संख्या बढ़ रही है. 75 साल पहले एक व्यक्ति एक साल में पांच अंडे खा रहा था. आज ये संख्या 100 को पार कर चुकी है. यही वजह है कि आज अंडों का प्रोडक्शन हजारों करोड़ में पहुंच गया है.
पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी और पोल्ट्री एक्संपर्ट रिंकी लूथरा का कहना है कि डायटीशियन और डॉक्टर के मुताबिक हर एक इंसान को कम से कम दो अंडे रोजाना खाने चाहिए. कम से कम और आसान डाइट में अंडे से ज्याबदा प्रोटीन किसी और चीज में नहीं मिल सकता है. चलते-फिरते, मेट्रो ट्रेन में या बस में बैठकर आराम से खाए जाने वाला अंडा ही है. मेट्रो सिटी की तेज रफ्तार जिंदगी में सबसे आसानी से मिलने और बनने वाला नाश्ताा भी अंडा ही है. अंड की खपत बढ़ने से जहां लोगों की हैल्थब बनेगी वहीं पोल्ट्रीन कारोबार भी देश की अर्थव्यहवस्था में और ज्यांदा योगदान देगा.
केन्रीव्यय पशुपालन मंत्रालय की साल 2023-24 की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल लगातार हमारे खाने में अंडों की संख्यान बढ़ रही है. साल 1950-51 में हर साल प्रति व्य क्तिा के हिस्सेे में पांच अंडे आते थे. लेकिन आज यानि 2023-24 में यह संख्या0 बढ़कर 103 हो गई है. हालांकि पोल्ट्री सेक्टंर की कोशिश है कि यह संख्याि बढ़कर 180 हो जाए. इसके लिए पोल्ट्री संचालकों की संस्थाक एनईसीसी भी लगातार कोशिश कर रही है.
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