दुनियाभर में प्रसिद्ध मारवाड़ी घोड़ों का कद बढ़ गया है. पिछले एक-डेढ़ दशक में अच्छी देखरेख, पोषण और एक्सरसाइज से मारवाड़ी घोड़ों का कद बढ़ा है. अब इन घोड़ों की ऊंचाई 64 इंच तक हो गई है. जबकि पशुपालन मंत्रालय का मारवाड़ी घोड़ों की ऊंचाई का मापदंड 62 इंच ही है. इसीलिए घोड़ा पालने वाले खासकर पोलो खेलने वाले घोड़ा पालक इस मापदंड में बदलाव की मांग कर रहे हैं. इनकी मांग है कि मारवाड़ी घोड़ों की ऊंचाई का पैमाना 62-64 इंच तक होना चाहिए.
यह मांग मार्च में होने वाले रॉयल मारवाड़ी हॉर्स शो के लिए की जा रही है. जयपुर में यह कार्यक्रम पोलो क्लब ग्राउंड पर होगा. इसमें मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों का शो और कई प्रतियोगिताएं होंगी. इस कार्यक्रम से पहले ब्रीडर्स घोड़ों के कद के मापदंडों में बदलाव की मांग कर रहे हैं. साल 2006 में हिसार स्थित नेशनल इंस्टीट्यूड ऑफ इक्वाइन की ब्रीड स्टैंडर्ड की मीटिंग में मारवाड़ी घोड़ों की ऊंचाई 62 इंच तय की गई थी. अब ब्रीडर्स का कहना है कि इन पैमानों को बदलने की जरूरत महसूस की जा रही है.
इंडिजिनस हॉर्स सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बोनी सिंह डूंडलोद का कहना है कि जनवरी 2023 में हिसार में नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिजिनस हॉर्स सोसाइटी के सेमीनार में मारवाड़ी ब्रीड का कद बढ़ने की बात सबसे पहले सामने आई. अब इनकी ऊंचाई का मापदंड 58-64 इंच होना चाहिए. इसीलिए हमारा इसके लिए कुछ ब्रीडर्स ने मारवाड़ी नस्ल की 16 ब्लड लाइंस की बात सामने रखी, जिन पर रिसर्च की जरूरत है. सबसे सुखद बात यह है कि एशिया में मारवाड़ी घोड़ा पहली नस्ल है जिसकी 2014 में जिनोम मैपिंग की गई.
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डूंडलोद कहते हैं कि हमारा दावा सिर्फ ऊंचाई को लेकर है. आईसीएआर के जो मापदंड हैं वे काफी पेचीदे हैं. जिसमें बहुत सारी चीजें शामिल हैं. एक ब्रीडर के लिए उतने पैमानों पर खरा उतरना संभव नहीं है.
वहीं, ब्रिटिश घुड़सवार फ्रैंसिस्का कैली ने मारवाड़ी घोड़ों का रिकॉर्ड रखने के लिए 1995 में मारवाड़ी ब्लडलाइन ग्रुप बनाया. राजस्थान में अब तक 500 मारवाड़ी घोड़ों का डीएनए प्रोफाइल और पासपोर्ट बन चुका है. कैली किसान तक को बताती हैं कि भारत में मारवाड़ी घोड़ों की ऊंचाई बढ़ना अच्छी बात है. यह उनके अच्छी देखभाल, अच्छे चारे, सलेक्टिव ब्रीडिंग और मौसम के कारण हुआ है.
किसान तक ने बीकानेर स्थित अश्व अनुसंधान में डॉ. रमेश देड़ढ़ से भी बात की. उनका कहना है कि बाजार में आजकल बड़े घोड़ों की मांग है. इसीलिए काफी सालों से ब्रीडर्स घोड़ों की सलेक्टिव ब्रीडिंग करा रहे हैं. इसीलिए संभव है कि मारवाड़ी घोड़ों की ऊंचाई बढ़ गई हो.
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वहीं, मारवाड़ी हॉर्स सोसाइटी के जंगजीत सिंह का कहना है कि मारवाड़ी घोड़ों की विशेषताओं से संबंधित आईसीएआर की कुछ गाइडलाइन हैं. जिसमें ऊंचाई, पैरों, शरीर की लंबाई, घुटनों की ऊंचाई, चेहरे की लंबाई-चौड़ाई, कान, पूंछ और शरीर के वजन शामिल है. मारवाड़ी घोड़ों की ऊंचाई बढ़ने का दावा अभी सिर्फ ऊंचाई को लेकर है.
मार्च में जयपुर के पोलो ग्राउंड में होने वाले हॉर्स शो में पहली बार कुछ खास रंग के घोड़े भी हिस्सा लेंगे. ये उन रंगों के घोड़ों होंगे जिन्हें अब तक प्रतियोगिताओं से बाहर रखा जाता था. साथ ही शो के लिए सभी पशुपालकों को अपने घोड़ों की ग्लैंडर्स नेगिटिव रिपोर्ट लानी होगी. जजेज सर्टिफिकेशन के लिए जजेज क्लिनिक भी होगा. इसमें इंटरनेशनल इक्वेस्ट्रियन फेडरेशन की जज जारा पॉली वर्कशॉप लेंगी. इसके अलावा इस बार हॉर्स शो को जज करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के पशु चिकित्सकों को आमंत्रित किया गया है. अब तक हॉर्स शो जज करने के लिए सामान्य पशु चिकित्सकों को बुलाया जाता रहा है.
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