बिहार जैसे विकासशील राज्य में लेयर मुर्गी पालन रोजगार का बेहतर माध्यम बन रहा है. साथ ही अंडा उत्पादन के क्षेत्र में राज्य आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है. इसी कड़ी में राज्य की राजधानी पटना में विश्व अंडा दिवस को लेकर पशु व मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से एक कार्यक्रम आयोजन किया गया. इस मौके पर बिहार के पशु व मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मो. अफाक आलम ने कहा कि अंडा उत्पादन के क्षेत्र में राज्य में सालाना 26.89 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है. जिस तरह से राज्य में फार्म अंडे के उत्पादन में वृद्धि हुई है, इसी तरह देसी अंडे के उत्पादन को लेकर भी काम करने की जरूरत है.
विभाग की प्रधान सचिव डॉ.एन.विजयलक्ष्मी ने कहा कि बिहार नीली क्रांति (मछली उत्पादन) की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. इसके साथ ही रजत क्रांति (अंडा उत्पादन) के क्षेत्र में काफी तेजी से आगे बढ़ने की ओर अग्रसर है. राष्ट्रीय पोषण संस्थान के अनुसार प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष अंडा की औसत उपलब्धता 180 होना चाहिए जबकि बिहार में प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति अंडा की औसत उपलब्धता 25 है. वहीं राष्ट्र की उपलब्धता 69 है.
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विश्व अंडा दिवस अक्टूबर महीने के दूसरे शुक्रवार को मनाया जाता है. इस साल अंडा दिवस का थीम ‘स्वस्थ भविष्य के लिए अंडा’ रखा गया है. वहीं अंडा उत्पादन के क्षेत्र में राज्य में हाल के समय में 1002 लेयर फार्म का काम चल रहा है जिसमें 200 लेयर फार्मों को समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत अनुदान दिया गया है. वहीं बिहार में जहां 2012-13 में अंडा उत्पादन 83.7 करोड़ था, जबकि 2022-23 में बढ़कर करीब 306.66 करोड़ तक पहुंच गया है.
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने कहा कि चतुर्थ कृषि रोडमैप में अंडा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष काम किया जाएगा. इस अवधि के दौरान 1700 लेयर फार्म स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. आने वाले पांच वर्षों के दौरान करीब ढाई लाख परिवारों को अनुदानित दर पर 112.5 लाख 28 दिवसीय चूजे का वितरण किया जाएगा. इसके साथ ही पोल्ट्री रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी.
अगले पांच वर्षों के दौरान करीब 313 करोड़ अंडा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है जिसका फायदा ये है कि आने वाले समय में सूबे के लोगों के लिए प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष अंडा 25 से बढ़कर 50 हो जाएगा. आगे उन्होंने ने कहा कि जल्द ही आई.सी.डी.एस. में अंडों की आपूर्ति की जाएगी. इसके अलावा लेयर मुर्गी फ़ार्म से आंगनबाड़ी को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है ताकि अच्छे दर पर अंडा मिल सके.
प्रधान सचिव ने अधिकारियों को कहा कि किसी भी योजना को लागू करना बड़ी बात नहीं है बल्कि उसे अच्छे से चलाना और सफलतापूर्वक संपन्न करना जरूरी है क्योंकि ऐसा देखने को मिला है कि आवेदक का चयन होने के बाद भी दो साल तक उसे योजना का लाभ नहीं मिल पाता है. अब ऐसा नहीं होगा. अगर किसी अधिकारी के द्वारा इस तरह की लापरवाही की जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी.
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पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मो.आफाक आलम ने कहा कि कुछ वर्ष पहले बिहार में अंडे की उपलब्धता सीमित थी. मगर विभाग के प्रयासों से अंडा उत्पादन में अच्छी वृद्धि देखी गई है. अब देसी मुर्गी के सप्लाई पर भी ध्यान देना होगा. आगे उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार में वर्ष 2017-18 में 121.85 करोड़ अंडा का उत्पादन हुआ था, जो वर्ष 2022 -23 में बढ़कर 306.66 करोड़ तक पहुंच गया. इस तरह अंडा उत्पादन में 26.89% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई.
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