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मवेश‍ियों को रोग मुक्त रखने के ल‍िए ब‍िहार में लगाए गए अब तक 1.38 करोड़ टीके

मवेश‍ियों को रोग मुक्त रखने के ल‍िए ब‍िहार में लगाए गए अब तक 1.38 करोड़ टीके

बिहार में एलएसडी (Lumpy Skin Disease) रोग के विरुद्ध अब तक राज्य के 35 जिलों में करीब एक करोड़ 35 लाख मावेशी को टीका दिया जा चुका है. इसके साथ ही ब्रुसेलोसिस रोग के निवारण के लिए अभी तक करीब 3,56,842 टीका लगाया जा चुका है.

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प्रतीकात्मक फोटो 'किसान तक' प्रतीकात्मक फोटो 'किसान तक'

बिहार में पशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर व रोग मुक्त रखने के लिए बड़े स्तर पर टीकाकरण किया जा रहा है, जिनमे  ब्रुसेलोसिस रोग के निवारण के लिए बाछी व पाड़ी को ब्रुसेलोसिस टीकाकरण किया जा रहा है. साथ ही राज्य में एलएसडी (Lumpy Skin Disease) रोग के विरुद्ध अब तक राज्य के 35 जिलों में करीब एक करोड़ 35 लाख गाय को टीका दिया जा चुका है. पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान पटना की सहायक अनुसंधान अधिकारी डॉ मंजू सिन्हा बताती है कि राज्य सरकार व केंद्र सरकार के प्रयासों से सूबे के सभी जिलों में एलएसडी (लंपी वायरस) एवं गाय एवं भैंस के बच्चों में ब्रुसेलोसिस का टीका दिया जा रहा है.

अभी तक ब्रुसेलोसिस का टीका 3,56,842 बाछी व पाड़ी को दिया जा चुका है. साथ ही आने वाले मई महीने तक शेष  जिलों में टीकाकरण का लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा. यह टीकाकरण कार्यक्रम  पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन के निदेशक डॉ. एमडी अली शब्बर के मार्गदर्शन में किया जा रहा है.

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लंपी के विरुद्ध टीकाकरण लक्ष्य के करीब

पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान पटना की सहायक अनुसंधान अधिकारी डॉ मंजू सिन्हा किसान तक से बातचीत के दौरान बताती हैं कि सूबे के 12 जिलों में करीब 1,442 मवेशी लंपी वायरस के चपेट में आ चुके हैं, जिनमें पटना, पूर्णिया, दरभंगा, शेखपुरा, नवादा, जहानाबाद, नालंदा, गया, बक्सर, कैमूर, रोहतास एवं भोजपुर है. आगे वह बताती हैं कि राज्य के 35 जिलों में एक करोड़ 35 लाख मवेशियों को टीका लगाया जा चुका है.अभी भागलपुर, शिवहर, सारण जिले में पशुओं को टीका लगाया जा रहा है. प्रदेश को एक करोड़ 38 लाख 58 हजार लक्ष्य दिया गया है, जो आने वाले कुछ दिनों में पूरा हो जाएगा. राज्य में लंपी वायरस के रोकथाम का टीका निःशुल्क लगाया जा रहा है.

भोपाल में होती है, लंपी वायरस जांच

पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन पटना के निदेशक डॉ. एमडी अली शब्बर बताते हैं कि लंपी वायरस की पुष्टि के लिए रक्त या स्वैब के नमूने एकत्र कर भोपाल भेजे जाते हैं. वहां 10 से 12 दिन में के बाद रिपोर्ट आती है. आगे उन्होंने बताया कि लंपी वायरस के लक्षण पशुओं में होने पर त्वचा के घाव, बुखार और वे कम भोजन करने लगते हैं. ऐसे लक्षण होने पर पशुपालक पशु डॉक्टर को दिखाए.

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राज्य में ब्रुसेलोसिस टीकाकरण का सूबे में लक्ष्य 24 लाख 37 हजार

ब्रुसेलोसिस रोग के बारे में पशु चिकित्सकों की माने तो यह एक संक्रामक रोग है. इसका टीका 4 से 8 माह के बाछी एवं पाड़ी को दिया जाता है. इसे देने का फायदा ये होता है कि गर्भावस्था के अंतिम महीने में पशु का गर्भपात न हो. उसके रोकथाम के लिए बचपन में ही ब्रुसेलोसिस का टीका दिया जाता है. यह पशुओं को केवल एक बार दिया जाता है. वहीं पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान पटना की सहायक शोध पदाधिकारी डॉ बिनीता रानी बताती हैं कि ब्रुसेलोसिस का टीका राज्य के विभिन्न जिलों में शुरू हो चुका है.

वहीं कुछ जिलों में बाकी है. 13 मार्च से सहरसा बक्सर, समस्तीपुर, नवादा, बेगूसराय, शेखपुरा, गोपालगंज, रोहतास, खगड़िया, कैमूर, भोजपुर, पटना, वैशाली, जहानाबाद, अरवल, जमुई चालू है. वहीं 20 मार्च से बांका सिवान, औरंगाबाद, नालंदा, बेतिया, लखीसराय, सुपौल अररिया में शुरू हो चुका है. साथ ही 25 मार्च से कटिहार, मधुबनी, मुजफ्फरपुर में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही शेष अन्य जिलों में अप्रैल व मई महीना में टीकाकरण किया जाएगा. यह टीकाकरण कार्यक्रम सभी जिलों में 15 दिनों तक चलेगा. भारत सरकार की एनएडीसीपी (NADCP) योजना के तहत ब्रुसेलोसिस टीकाकरण किया जा रहा है. हर रोज करीब 6 से 7 हजार पशुओं के बच्चों को टीका दिया जा रहा है. अभी तक करीब 3,56,842 बाछी और पाड़ी को टीका दिया जा चुका है.