दिल्ली के मॉनसून में किस वजह से देरी, आखिर कहां अटक गई बारिश? यहां पढ़ें साफ जवाब

दिल्ली के मॉनसून में किस वजह से देरी, आखिर कहां अटक गई बारिश? यहां पढ़ें साफ जवाब

पूरे देश में बादल बरस रहे हैं लेकिन दिल्ली बरसात के लिए तरस रही है. दिल्ली के आसपास के इलाकों में बारिश हो रही है, मगर दिल्ली में एक बूंद भी बरसात की नहीं पड़ी. आखिर इसकी वजह क्या है, दिल्ली में मॉनसून क्यों अटक गया है. आइए जानें.

कुमार कुणाल
  • New Delhi ,
  • Jun 26, 2025,
  • Updated Jun 26, 2025, 1:43 PM IST

देश भर में मॉनसून की अच्छी बारिश हो रही है लेकिन दिल्ली बारिश के लिए तरस रही है. हर रोज मौसम विभाग अलर्ट जारी कर रहा है लेकिन मॉनसून बरसाने का नाम नहीं ले रहा. दिल्ली वाले भीषण उमस से परेशान हैं और बारिश का इंतजार हर किसी को है. खास बात यह है कि दिल्ली के आसपास बारिश का दौर काफी पहले ही शुरू हो गया, फिर दिल्ली पर मॉनसून मेहरबान क्यों नहीं है?

क्या रोक रहा है दिल्ली में मॉनसूनी बारिश को?

दरअसल दिल्ली की परिस्थितियां कई सारे कारकों के मौजूद होने के बाद भी बारिश के लिए अनुकूल नहीं हो पा रही. दिल्ली भौगोलिक तरीके से लैंडलॉक्ड है और चक्रवाती यानी साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से राजधानी दिल्ली के उत्तर-पश्चिम में क्वासी-जियोस्ट्रोफिक हवा बारिश को दबा रही है. दिल्ली के ठीक उत्तर में यानी हरियाणा और उत्तर प्रदेश के इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है, लेकिन दिल्ली में ज्यादा बारिश नहीं हो रही. यहां तक कि बादल भी छाए हुए हैं लेकिन कन्वेक्टिव एक्टिविटी की कमी के कारण छिटपुट से अधिक बारिश नहीं हो रही.

मॉनसून की घोषणा कब करता है मौसम विभाग?

मौसम स्टेशनों पर पर्याप्त बारिश: प्रमुख मौसम स्टेशनों (जैसे दिल्ली में सफदरजंग और पालम) पर लगातार दो दिनों तक कम से कम 2.5 मिमी बारिश दर्ज होनी चाहिए. साथ ही साथ बारिश का वितरण क्षेत्रीय स्तर पर एकसमान होना चाहिए, न कि छिटपुट.

नमी और रेडिएशन की वायुमंडलीय परिस्थितियां: दक्षिण-पश्चिमी मॉनसूनी हवाएं स्थापित होनी चाहिए, जो नमी से भरपूर हों और अरब सागर या बंगाल की खाड़ी से आ रही हों. साथ ही आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (OLR) भी 200 W/m² से कम होना चाहिए, जो बादल छाए रहने और कन्वेक्टिव गतिविधि को दर्शाता है.

हवा की रफ्तार और दिशा भी तय करता है मॉनसून: निचले वायुमंडल (850 hPa स्तर) में पूर्वी या दक्षिण-पश्चिमी हवाएं 15-20 नॉट की गति के साथ मौजूद होनी चाहिए. और ऐसी हवा की दिशा और गति में स्थिरता होनी चाहिए, जो मॉनसून की प्रगति को दर्शाती है.

नमी और दवाब जैसे कारकों की आवश्यक शर्तें: नमी का स्तर (रिलेटिव ह्यूमिडिटी) 700 hPa दवाब स्तर पर 60% से अधिक होना चाहिए. स्थानीय मौसम प्रणालियां, जैसे निम्न दबाव क्षेत्र या चक्रवाती परिसंचरण, मॉनसून की बारिश को बढ़ावा दे रही हों.

वैसे मौसम विभाग बता चुका है कि दिल्ली में मॉनसून अपने तय समय से पहले आ सकता है. तय समय 30 जून है और मात्र 4 दिन बचे हैं. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि मौसम विभाग का पूर्वानुमान कितना सच निकलता है और मॉनसून कब तक दिल्ली में एंट्री लेता है.

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