दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का देशभर के ज्यादातर हिस्सों में पहुंच चुका है. कुछ राज्यों में भारी बारिश दर्ज की जा रही है तो वहीं कई राज्यों में अभी बारिश की दरकार है. इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तराखंड को लेकर मौसम पूर्वानुमान जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को उत्तराखंड में व्यापक बारिश होने की संभावना है. वहीं, बारिश के चलते अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. ऐसे में प्रशासन ने सतर्कता बररते हुए कई इलाकों को खाली करा दिया है.
मौसम विभाग के मुताबिक, पूरे राज्य में आमतौर पर बादल छाए रहने की संभावना है, हल्की से मध्यम बारिश के साथ-साथ कई स्थानों पर गरज के साथ छींटे पड़ने और तेज हवाएं चलने की संभावना है. राज्य में 30 जून तक अलग-अलग पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका है.
आईएमडी के मुताबिक, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जैसे जिलों में पूरे दिन गरज के साथ छींटे पड़ने और रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है. देहरादून और हरिद्वार में सुबह हल्की बारिश हो सकती है, जबकि दिन में बाद में भारी बारिश की संभावना है.
वहीं, कुमाऊं क्षेत्र में नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत जैसे जिलों में भी गरज के साथ छींटे पड़ने और बारिश और 40-50 किमी/घंटा की रफ़्तार से हवाएं चलने की संभावना है. आईएमडी ने पहाड़ों में यात्रा करने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. आईएमडीन ने कहा है कि लगातार बारिश के कारण भूस्खलन और सड़क जाम हो सकता है.
उधमसिंह नगर और चंपावत में दिन के समय मौसम गर्म और उमस भरा रह सकता है. दोपहर या शाम को बारिश की संभावना है. निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को जलभराव से सावधान रहना चाहिए और संवेदनशील पहाड़ी इलाकों में रहने वालों को भूस्खलन के जोखिम के कारण सतर्क रहना चाहिए.
किसानों को भी अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सावधानी बरतने और मौसम संबंधी अपडेट पर नियमित रूप से नजर रखने की सलाह दी गई है. मौसम विभाग के मुताबिक, रुद्रप्रयाग, देहरादून, चमोली, नैनीताल में बहुत भारी बारिश के आसार हैं. इन जिलों में बिजली गिरने तेज हवा-आंधी चलने की संभावना भी है.
वहीं, बद्रीनाथ पहाड़ों पर हो रही बारिश से अलकनंदा नदी उफान पर है. यहां एक बार फिर अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिसके बाद ब्रह्म कपाल, नारद कुंड क्षेत्र पूरी तरीके से जलमग्न हो गया है. सुरक्षा की दृष्टि से पूरे ब्रह्म कपाल क्षेत्र को खाली कर दिया गया है.
वहीं, नारद कुंड के आसपास के इलाके को भी खाली कर दिया गया है. तप्त कुंड से किसी को भी ब्रह्म कपाल और नारद कुंड की तरफ नहीं जाने दिया जा रहा है. प्रशासन ने मौके पर एसडीआरएफ और पुलिस प्रशासन की टीम को तैनात कर दिया गया है. यात्रियों से अपील की जा रही है कि नदी के किनारे से दूर ही रहें.
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