दिवाली बीत गई है. लेकिन इसने दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा और पर्यावरण पर गंभीर असर छोड़ा है. दिवाली की रात लगातार चले पटाखों ने हवा को खतरनाक बना दिया है. हालात ये हैं कि पूरी दिल्ली के आसमान में धुंध की मोटी चादर नजर आ रही है. दो-चार दिन पहले भी कुछ ऐसी ही हालत थी, पर अचानक हुई बारिश ने धुंध को छांट दिया था. अब दिल्ली फिर से अपने पुराने दौर में लौट गई है क्योंकि पटाखों के धुएं से चारों ओर धुंध फैल गया है. दिवाली की रात से ही लोगों को सांस लेने में तकलीफ रही. पटाखों के केमिकल हवा में घुल गए हैं. प्रदूषण बोर्ड की मानें तो पूरी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति खतरनाक मोड में पहुंच गई है.
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से लगातार तस्वीरें आ रही हैं. तस्वीरों में देखा जा सकता है कि पूरे आकाश में किस तरह से धुएं और धुंध का गुबार भरा है. इससे विजिबिलिटी बहुत घट गई है. सुबह के वक्त लोगों को गाड़ी चलाने में परेशानी देखी गई. यहां तक कि कुछ मीटर की दूरी तक ही लोगों को देखने में दिक्कत आई.
ये भी पढ़ें: Weather Today: बंगाल की खाड़ी में नए चक्रवात का खतरा, 14 नवंबर से घनघोर बारिश के आसार
सोचने वाली बात ये है कि दिल्ली पिछले कई हफ्तों से प्रदूषण से जूझ रही है. दिल्ली के कई इलाकों में पिछले कई दिनों से हवा जहरीली बनी हुई है और एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज होता रहा है. अब दिवाली के बाद इसमें और बढ़ोतरी हुई है क्योंकि पटाखों के धुएं से प्रदूषण के स्तर में तेज वृद्धि देखी गई है. दिल्ली शहर के अंदर हालत ये है कि लोगों को सांस लेने में भी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
कुछ दिन पहले दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को काबू में करने के लिए दिवाली पर पटाखे चलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया. प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर की मदद से कृत्रिम बारिश कराने का भी निर्णय लिया, लेकिन अचानक बारिश होने से लोगों को भारी राहत मिली और प्रदूषण का स्तर भी कम हो गया. लेकिन अब दिवाली पर उड़े पटाखों ने फिर से धुंध बढ़ा दिया है.
ये भी पढ़ें: दिल्ली के प्रदूषण स्तर में 50 फीसदी से ज्यादा गिरावट का दावा, कितने दिन रहेगी राहत? जानिए पर्यावरण मंत्री ने क्या कहा
आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर के बाद से दिल्ली की एयर क्वालिटी बदतर हालत में पहुंच गई है. पीएम 2.5 की लिमिट 20 गुना तक बढ़ गई है जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पीएम 2.5 का जो पैमाना तय किया है, उसके लिहाज से दिल्ली की हवा बेहद खराब हो गई है. कुछ दिन पहले के प्रदूषण ने दिल्ली सरकार को स्कूलों को बंद करने और शहर में ट्रकों की आवाजाही पर पाबंदी लगाने के लिए मजबूर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार की तमाम अपीलों के बाद भी लोगों ने दिल्ली में जमकर पटाखे उड़ाए और प्रदूषण को खतरनाक स्थिति में पहुंचा दिया.