CM Yogi ने बाराबंकी से किसान पाठशाला 8.0 का किया शुभारंभ, यूपी में कृषि विकास पर कही ये बातें

CM Yogi ने बाराबंकी से किसान पाठशाला 8.0 का किया शुभारंभ, यूपी में कृषि विकास पर कही ये बातें

बाराबंकी के दौलतपुर में CM योगी ने किसान पाठशाला 8.0 शुरू करते हुए कहा कि धरती का स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा तभी सृष्टि बचेगी. उन्होंने लागत कम कर उत्पादन बढ़ाने, तकनीकी खेती, एमएसपी पारदर्शिता, सिंचाई सुधार और एफपीओ मॉडल को किसानों की समृद्धि का आधार बताया.

CM Yogi Kisan PathshalaCM Yogi Kisan Pathshala
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 12, 2025,
  • Updated Dec 12, 2025, 6:21 PM IST

बाराबंकी के दौलतपुर गांव में शुक्रवार को आयोजित प्रगतिशील किसान सम्मेलन और ‘खेती की बात खेत पर’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धरती माता हमें अन्न देती है और उसका स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा तो मानव ही नहीं, पूरी सृष्टि सुरक्षित रहेगी. उन्होंने किसानों से लागत कम करने, उत्पादन बढ़ाने और वैज्ञानिक पद्धतियों से खेती करने पर जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकसित नेशनल विजन ऑफ नेचुरल फार्मिंग इसी सोच को आगे बढ़ाता है.

सीएम योगी ने कहा कि किसान को बीज, खाद, सिंचाई और वैज्ञानिक तकनीक समय पर मिले तो उसकी आमदनी स्वाभाविक रूप से बढ़ती है. मुख्यमंत्री ने खेत पर पहुंचकर रबी सत्र की किसान पाठशाला 8.0 का शुभारंभ किया और उत्तर प्रदेश की कृषि प्रगति, बहु फसली खेती, तकनीकी नवाचार, एमएसपी व्यवस्था की पारदर्शिता और किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की. 

देश की फूड सप्‍लाई में यूपी का 21 प्रतिशत योगदान

उन्होंने किसानों की उन्नत फसलें, नवीन उपकरण, एफपीओ आधारित मॉडल और स्थानीय नवाचारों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. योगी ने कहा कि दौलतपुर गांव का उन्नत खेती मॉडल प्रदेश के अन्य जनपदों के लिए प्रेरक उदाहरण है. सीएम योगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश देश की कुल कृषि योग्य भूमि का 11 प्रतिशत हिस्सा रखता है जबकि राष्ट्रीय खाद्यान्न आपूर्ति में 21 प्रतिशत योगदान देता है.

राज्य की उर्वर भूमि, पर्याप्त जल संसाधन और बेहतर कनेक्टिविटी ने कृषि क्षेत्र में नई ऊर्जा भर दी है. उन्होंने कहा कि बीज से लेकर बाजार तक की सुविधाएं उपलब्ध कराने से उत्पादन बढ़ा है और लागत कम हुई है. स्वॉइल हेल्थ कार्ड, फसल बीमा, गन्ना भुगतान, कृषि मंडी विस्तार और प्रोसेसिंग सुविधाओं ने किसानों को बड़ी राहत दी है. पिछले आठ वर्षों में एमएसपी का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में पहुंच रहा है, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हुई है. 

जल संरक्षण और सिंचाई को लेकर हुआ काम

सिंचाई के क्षेत्र में हर खेत को पानी पहुंचाने, माइक्रो इरीगेशन, नहर नेटवर्क, सौर पंप और जल संरक्षण को गति दी गई है. ड्रोन डोजिंग, खरपतवार नियंत्रण, स्वॉइल टेस्टिंग और प्राकृतिक खेती जैसे प्रयासों ने किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ा है. प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, लॉजिस्टिक्स, डिजिटल मंडी और ई नाम जैसे प्लेटफार्मों ने किसानों की उपज को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में मदद की है.

सीएम योगी ने बताया कि विश्व बैंक की सहायता से 4 हजार करोड़ रुपये की यूपी एग्रीज परियोजना के तहत छह वर्षों में कम उत्पादन वाले 28 जनपदों विशेषकर पूर्वांचल और बुंदेलखंड में कृषि सुधारों को गति दी जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के नौ भौगोलिक जलवायु क्षेत्रों के अनुरूप उन्नत बीज और तकनीक विकसित किए जा रहे हैं. 2017 के बाद से रिकॉर्ड उत्पादन और पारदर्शी व्यवस्था ने प्रदेश की कृषि विकास दर को 8.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 17.7 प्रतिशत तक पहुंचाया है.

CM योगी ने प्रगतिशील किसानों के दिए उदहारण

उन्होंने प्रगतिशील किसानों के उदाहरण देते हुए कहा कि एक एकड़ में ढाई सौ क्विंटल आलू और दो लाख रुपये मूल्य का केला उत्पादन लागत कम और उत्पादन अधिक का श्रेष्ठ मॉडल है. एफपीओ के माध्यम से सहकारी खेती को बढ़ावा मिल रहा है. पद्मश्री रामशरण वर्मा सहित प्रगतिशील किसानों की उपलब्धियां अन्य किसानों के लिए प्रेरणा हैं.

सीएम योगी ने कहा कि किसान पाठशाला का उद्देश्य खेती की वास्तविक चुनौतियों को समझना और कम लागत में अधिक उत्पादन की तकनीक किसानों तक पहुंचाना है. उन्होंने किसानों से अभिनव प्रयोग जारी रखने और प्रदेश की उर्वर भूमि का बेहतर उपयोग करने का आह्वान किया.

पद्मश्री रामशरण वर्मा ने मुख्यमंत्री और सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि लघु और सीमांत किसान प्रदेश का असली सोना हैं. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय सरकार की योजनाओं और समर्थन को दिया और किसानों से बाजार की मांग के अनुरूप खेती करने की जरूरत बताई. इफको चेयरमैन दिलीप संघानी ने सहकारिता को कृषि से जोड़ने के महत्व पर जोर दिया.

कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कही ये बात

कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि यह पहला अवसर है, जब मुख्यमंत्री सीधे खेत पर आकर किसानों से संवाद कर रहे हैं. बाराबंकी का दौलतपुर गांव बहु फसली खेती और नई तकनीक से तेजी से विकास कर रहा है और प्रदेश के लिए मॉडल बनकर उभरा है. किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को उत्तर प्रदेश तीन गुना आय वृद्धि की दिशा में आगे बढ़ा रहा है. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने किसान पाठशाला के आठवें संस्करण का शुभारंभ किया, प्रदर्शनी देखी और प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया.

किसानों को सीएम ने बांटी ये चीजें

उन्होंने ट्रैक्टर की चाबी, चेक और स्वीकृति पत्र वितरित किए. पंकज कुमार, संजय कुमार यादव, संतोष कुमार सिंह, अमित मिश्रा, चंद्रशेखर प्रजापति, गुरुदत्त सिंह, गुरतेग सिंह, दिनेश चंद्र वर्मा, राम इकबाल वर्मा, बबलू कश्यप और पद्मश्री रामशरण वर्मा सहित कई किसानों को सम्मानित किया गया. देशराज, दिनेश प्रताप सिंह, धीरेंद्र वर्मा, अजय कुमार वर्मा और अखिलेश कुमार को विभिन्न अनुदान के चेक प्रदान किए गए.

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि देश के गेहूं उत्पादन में उत्तर प्रदेश का योगदान 35 प्रतिशत है. गन्ना उत्पादन में यह हिस्सा 55 प्रतिशत है. गन्ने की एमएसपी 400 रुपये तय की गई है. आठ वर्षों में 2 लाख 92 हजार करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान किया गया है. प्रदेश में 122 चीनी मिलें संचालित हैं. एथेनॉल उत्पादन 41 करोड़ लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर तक पहुंच गया है.

फल और सब्जियों के उत्पादन में यूपी नंबर-1

फल और सब्जियों के उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है. 2.86 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है. लखनऊ में भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के नाम पर सीड पार्क स्थापित किया जा रहा है और कृषि विज्ञान केंद्रों के विकास का कार्य तेजी से चल रहा है. कार्यक्रम में कृषि क्षेत्र में प्रदेश के प्रयासों पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई और अनेक जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और विशेषज्ञों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

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