जनवरी के आखिरी हफ्ते में मौसम में हुए बदलाव से राजस्थान के किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं. जपओलावृष्टि और बारिश से 14 जिलों में करीब 15 लाख हेक्टेयर खेती का खराब हुई है. यह प्रारंभिक आंकड़े 30 जनवरी को विधानसभा में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने रखे. इन 14 जिलों में रबी की बुवाई 109.55 लाख हेक्टेयर में की गई है. ओले और बारिश के चलते 14.92 लाख हेक्टेयर में दो से 65 प्रतिशत तक खराब हुई है. मंत्री ने कहा कि खराब फसल की विशेष गिरदावरी की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी. फसल खराब का यह आकलन छह, सात जनवरी और 14 से 19 जनवरी के बीच हुई बारिश और ओलावृष्टि, पाले, शीतलहर से हुए नुकसान का है. हालांकि इसमें 28-30 जनवरी तक मौसम खराब होने के कारण हुए फसल खराब की जानकारी नहीं है.
विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि शुरूआती आंकड़ों के अनुसार श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरूं, झुंझुनूं, जयपुर, जालौर, सीकर, भरतपुर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, पाली, अजमेर, जोधपुर और प्रतापगढ़ में फसलें खराब हुई हैं.
राजस्थान में जनवरी के महीने कई जगहों पर बारिश हुई है. वहीं बीते दिनों उदयपुर, करौली, धौलपुर सहित लगभग पूरे राज्य में बारिश हुई है. उदयपुर में तो इतनी बर्फ गिरी कि प्रशासन को जेसीबी से सड़कें साफ करवानी पड़ी हैं. कृषि मंत्री ने अगले दो हफ्ते में विशेष गिरदावरी के लिए कहा है.
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कृषिमंत्री कटारिया ने विधानसभा में बताया कि राजस्व विभाग ने 17 जनवरी 2023 को सभी जिलों में पत्र लिख दिया था. इस पत्र में दो हफ्तों में आपदा राहत विभाग को विशेष गिरदावरी के आदेश जारी किए गए थे.
जनवरी का महीना किसानों के लिए भारी पड़ा है. जनवरी महीने में करीब 10 दिन तक मौसम की बेरुखी से किसानों का बड़ा नुकसान हुआ है. जनवरी माह में छह और सात, 14 से 19 और 28 से 30 जनवरी तक ओले, बारिश और पाला गिरा है. एक ही महीने में 10 दिन मौसम की बेरुखी से किसान हलकान हो गए हैं.
बिगड़े मौसम का सबसे अधिक नुकसान सरसों की फसल को हुआ है. जबकि गेहूं और जौ की फसल में नुकसान कम हुआ है. हालांकि पछेती फसलों के लिए यह मावठ (सर्दियों में होने वाली बारिश ) फायदेमंद है,लेकिन जिन जिलों में ओलावृष्टि हुई है वहां पछेती फसलों में भी नुकसान हुआ है. किसान तक ने कुछ फसलों के कुल वुबाई क्षेत्र और नुकसान के आंकड़े निकाले हैं. इनमें प्रदेश में गेहूं की कुल वुबाई 29.63 लाख हेक्टेयर में की गई और नुकसान करीब 42 हजार हेक्टेयर में हुआ है.
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सरसों/तारामीरा की कुल बुवाई 39.36 लाख हेक्टेयर और नुकसान 9.83 लाख हेक्टेयर में हुआ है. जौ की वुबाई4.08 लाख हेक्टेयर और नुकसान 19 हजार हेक्टेयर, चने की बुवाई 20.57 लाख हेक्टेयर और नुकसान 2.25 लाख हेक्टेयर आंकलन किया गया है. इसके अलावा सब्जियों की कुल बुवाई 15.89 लाख हेक्टेयर और नुकसान 2.22 लाख हेक्टेयर में हुआ है.
किसानों की फसल खराबे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि फसल खराब होने पर किसानों को हर संभव मदद की जाएगी. उन्होंने राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों को ओलावृष्टि और शीतलहर से हुए नुकसान के शीघ्र आकलन के निर्देश दिए.
वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने विधानसभा में कहा कि उदयपुर में पिछले 100 सालों में इतने ओले नहीं देखे. सड़कें जेसीबी से साफ करवानी पड़ी हैं. यही हाल चुरू से नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौढ़ ने भी बयां किया.
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