मराठवाड़ा में इस समय वाकई सावन का मौसम आया है. एक महीने के सूखे के बाद यहां हो रही बारिश किसानों और फसलों के लिए जीवनदायनी बनकर आई है. पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने छत्रपति संभाजी नगर डिविजन में आने वाले हर गांवों को सरोबार कर दिया है. पिछले 48 घंटें में करीब 50 मिमी तक बारिश हो चुकी है. इस बारिश ने फसलों को नया जीवन दिया है. संभाजी नगर डिविजन के तीन मंडलों में भारी बारिश हुई और आने वाले दिनों में और बारिश के आसार हैं.
जून की शुरुआत में अच्छी बारिश के बाद मध्य में बारिश बंद हो गई थी. इसकी वजह से हजारों एकड़ में लगी फसलों पर खतरा मंडराने लगा था. किसान भी खासी चिंता में थे. लेकिन 24 जुलाई से मौसम बदल गया है. जिलों में या तो तेज बारिश हो रही है या फिर रिमझिम बरसात, लेकिन मॉनसून का सिलसिला जारी है. सूरज न निकलने से सभी ने राहत की सांस ली है. कम वर्षा की वजह से किसानों के फसल की ग्रोथ की चिंता सता रही थी. हर जगह किसान परेशान थे. इसके अलावा मराठवाड़ा के कुछ जिलों में पानी का संकट भी पैदा हो गया था और पीने के पानी के लिए भी चिंताएं बढ़ गई थीं. अब उम्मीद की जा रही है कि इस बारिश के बाद पानी का भंडार बढ़ने की उम्मीद है.
मराठावाडा के बीड में पिछले सात दिनों से लगातार बारिश हो रही है. अब तक 180 मिमी तक बारिश हो चुकी है और यह सालाना बारिश का करीब 31.6 प्रतिशत है. इस बारिश की वजह से कई बांधों में भी पानी लबालब भर गया है. माजलगांव डैम, बिंदुसार बांध, कडा प्रोजेक्ट और कुंदलिका प्रोजेक्ट, में पानी ही पानी है. लातूर में भी किसान लगातार बारिश से खुश हैं और अब उन्हें उम्मीद है कि फसल अच्छी होने से उनके नुकसान की भी भरपाई हो सकेगी.
लगातार हुई बारिश से खरीफ की फसलों को राहत मिली है. हालांकि, इस क्षेत्र के सभी आठ जिलों में प्रमुख बांधों से पानी छोड़े जाने की संभावना के बारे में अलर्ट भी जारी किया गया है. गोदावरी नदी में पानी के बढ़ते प्रवाह के कारण जयकवाड़ी बांध अपनी भंडारण क्षमता के 80.76 फीसदी तक पहुंच गया है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आगे पानी के प्रवाह के कारण नदी में पानी छोड़ना आवश्यक हो सकता है. लोगों और पशुओं से भी नदी से दूर रहने का आग्रह किया गया है.
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