IMD के चेन्नई क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने मानसून को लेकर अहम संभावनाएं जताई हैं. इसने तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के लिए जारी विस्तारित अवधि के पूर्वानुमान में कहा है कि 17 अक्टूबर से शुरू होने वाले सप्ताह के पहले भाग के दौरान देश के बाकी भागों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है. वहीं 16-18 अक्टूबर के दौरान उत्तर-पूर्वी मानसून वर्षा गतिविधि की शुरुआत के लिए दक्षिणी प्रायद्वीप, दक्षिण और समीपवर्ती मध्य बंगाल की खाड़ी में पूर्वी से उत्तर-पूर्वी मौसमी हवाएं चल सकती हैं.
चेन्नई मौसम केंद्र ने अनुमान लगाया है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में एक ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण विकसित हो सकता है, जो चालू सप्ताह (10-16 अक्टूबर) के दौरान कोमोरिन क्षेत्र से होते हुए दक्षिण-पूर्व अरब सागर की ओर बढ़ेगा. मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन (एमजेओ) तरंग के पश्चिम से पूर्व की ओर क्षेत्र में गुजरने के बाद संवहनीय (बादल निर्माण और वर्षा) गतिविधि बढ़ सकती है, और 17-23 अक्टूबर की शुरुआत में केरल के पास दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है.
अंग्रेजी अखबार 'बिजनेस लाइन' की एक रिपोर्ट के अनुसार, सप्ताह के मध्य तक (लगभग 22 अक्टूबर) दक्षिण खाड़ी के ऊपर एक और 'निम्न' क्षेत्र बनने की संभावना है. इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और जल्द ही दक्षिण-पश्चिम खाड़ी के ऊपर और अधिक स्पष्ट होने की संभावना है. 10-16 अक्टूबर के दौरान उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में सामान्य से थोड़ी अधिक वर्षा और दक्षिण तमिलनाडु में सामान्य से थोड़ी कम वर्षा का अनुमान है. अगले सप्ताह (17-23 अक्टूबर) में तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से थोड़ी अधिक वर्षा हो सकती है.
आईएमडी को उम्मीद है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह (17-23 अक्टूबर) से पूर्वी हवाओं की विसंगतियां और प्रबल होंगी. इस सप्ताह के अंत तक दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है, जिसमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, रायलसीमा, तेलंगाना, दक्षिण महाराष्ट्र और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक शामिल हैं, साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर बाढ़ और भूस्खलन की संभावना है.
यूरोपीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र इस बात से सहमत है कि 23 अक्टूबर के आसपास तमिलनाडु के दक्षिण-पश्चिम खाड़ी क्षेत्र में एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित हो सकता है, जो पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में तट की ओर बढ़ेगा. अमेरिकी राष्ट्रीय पर्यावरण पूर्वानुमान केंद्र (जीएफएस) मॉडल के अनुसार, 21 अक्टूबर के आसपास दक्षिण-पूर्व खाड़ी क्षेत्र में एक दबाव क्षेत्र बन सकता है, जो पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में तमिलनाडु की ओर बढ़ेगा और आगे और तीव्र होगा.
शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय मौसम विभाग के केंद्रीय कार्यालय ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून गुजरात के शेष हिस्सों, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों से वापस चला गया है. वापसी की रेखा रक्सौल, वाराणसी, जबलपुर, अकोला, अहिल्यानगर और अलीबाग से होकर गुज़री. अगले 3-4 दिनों के दौरान वापसी की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है क्योंकि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार के बाकी हिस्सों, पूरे झारखंड और छत्तीसगढ़ तथा पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा और तेलंगाना के कुछ हिस्सों से वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो जाती हैं.
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