ओडिशा में चक्रवाती तूफान की आशंका बन रही है. इस बारे में मौसम विभाग ने (IMD) ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी है. मंगलवार को जारी एक प्रेस रिलीज में आईएमडी ने चक्रवाती तूफान की आशंका के बारे में बताया. इस तूफान की आशंका को देखते हुए ओडिशा सरकार ने राहत और बचाव कार्यों की तैयारी तेज कर दी है. इस बारे में मंगलवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में चक्रवात से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया गया और एहतियात के निर्देश दिए गए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि हर तरह के हालात से पार पाने की पूरी तैयारी दुरुस्त रहनी चाहिए.
मुख्यमंत्री की यह बैठक आईएमडी के उस पूर्वानुमान के बाद की गई जिसमें ओडिशा में चक्रवाती तूफान की आशंका जाहिर की गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि छह मई के आसपास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने की संभावना है और उसके 48 घंटे बाद इसके प्रभाव में उसी क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है.
नवीन पटनायक ने दो मई, 2019 को ओडिशा तट से टकराने वाले फानी चक्रवात को याद करते हुए कहा कि गर्मियों के दौरान चक्रवातों का रास्ता पहचानना कठिन होता है. उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि यदि जरूरी हो तो निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को चक्रवात से बचने के लिए बनाए गए शेल्टर होम में शिफ्ट करें और चक्रवात के बाद राहत और बहाली कार्यों की योजना तैयार करें.
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समाचार एजेंसी PTI की एक रिपोर्ट में कहा गया है, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मुख्य सचिव पीके जेना से नियमित रूप से स्थिति की समीक्षा करने और विशेष राहत आयुक्त सत्यव्रत साहू को सभी विभागों और जिलों के साथ तालमेल रखते हुए काम करने को कहा. हालांकि भुवनेश्वर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के एक अधिकारी ने कहा कि आईएमडी ने अभी तक किसी चक्रवात की भविष्यवाणी नहीं की है. मौसम विभाग ने कहा कि साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण छह मई के 48 घंटे बाद एक कम दबाव का क्षेत्र बनेगा. कम दबाब का क्षेत्र आगे चलकर डिप्रेशन में तब्दील हो जाएगा फिर चक्रवात में बदलने से पहले गहरे दबाव क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा.
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जेना ने कहा कि अगर कोई चक्रवात ओडिशा में आता है तो राज्य 'जीरो कैजुएलिटी' सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा. उन्होंने कहा, "इस संबंध में सभी कलेक्टरों को सतर्क कर दिया गया है. चक्रवात शेल्टर होम तैयार हैं, जबकि स्कूल भवनों सहित अधिक सुरक्षित स्थानों की पहचान की गई है." उन्होंने कहा, "18 तटीय और आसपास के जिलों के कलेक्टरों को तैयार रहने के लिए कहा गया है." उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की कुल 17 टीमों और ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) की 20 टीमों को तैयार रखा गया है. इसी के साथ विशेष राहत आयुक्त सत्यव्रत साहू ने कहा कि सभी जिलों में 24x7 नियंत्रण कक्ष पहले ही चालू कर दिए गए हैं.