किसानों के लिए लगने वाले ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन में बड़ी लापरवाही, UP के कृषि मंत्री शाही ने लिया ये एक्शन

किसानों के लिए लगने वाले ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन में बड़ी लापरवाही, UP के कृषि मंत्री शाही ने लिया ये एक्शन

UP News: ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन एक अत्याधुनिक तकनीक है, जो मौसम के बदलावों को सटीक तरीके से ट्रैक करता है. यह ऑटोमेटिक सिस्टम बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के मौसम का डेटा इकट्ठा करता है और तुरंत उसे ट्रांसमिट करता है. ताकि हम जान सकें कब आंधी आएगी और कब तूफान.

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही लखनऊ में की बैठक (Photo-Kisan Tak)उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही लखनऊ में की बैठक (Photo-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Feb 13, 2025,
  • Updated Feb 13, 2025, 8:54 AM IST

किसानों को गांव के आसपास के मौसम की सटीक जानकारी मिल सके, इसके लिए उत्तर प्रदेश के तहसील और ब्लॉक स्तर पर 450 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (AWS) और ऑटोमेटिक रेन गेज लगाने के लिए निर्देश दिया गया था. लेकिन इसको लगाने वाली कंपनियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विंड्स कार्यक्रम के अन्तर्गत स्थापित किए जाने वाले ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) ऑटोमैटिक रेनगेज (एआरजी) की प्रगति पर समीक्षा बैठक की. 

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने जताई नाराजगी

बैठक के दौरान कृषि मंत्री द्वारा विंड्स कार्यक्रम के अंतर्गत विकास खंड स्तर पर 308 एडब्ल्यूएस एवं ग्राम पंचायत स्तर पर 55570 एआरजी स्थापित किए जाने की प्रगति पर अपनी नाराजगी जताई. कृषि मंत्री शाही ने प्रदेश में कार्यरत दोनों कंपनियों को निर्देशित किया गया कि समस्त कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरा करें, अन्यथा की स्थिति में अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा. जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व संबंधित कंपनी का होगा.

142.16 करोड रुपए का बजट जारी

उन्होंने कहा कि उक्त योजना समय से पूर्ण करके प्रदेश के किसानों को मौसम संबंधित जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया जाए जिससे कि किसानों को उसका लाभ मिल सके. इसके लिए 142.16 करोड रुपए का बजट जारी कर दिया गया था. वहीं 80 कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है. रेन गेज लग जाने के बाद कहां पर कितनी मिली मीटर बारिश हुई इसका रिकॉर्ड आसानी से मिल जाएगा. अभी तक अलग-अलग क्षेत्र में कहां पर कितनी बारिश हुई, इसका रिकॉर्ड नहीं मिल पाता है.

किसानों के वरदान साबित होगा ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन

बता दें कि ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन एक अत्याधुनिक तकनीक है, जो मौसम के बदलावों को सटीक तरीके से ट्रैक करता है. यह ऑटोमेटिक सिस्टम बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के मौसम का डेटा इकट्ठा करता है और तुरंत उसे ट्रांसमिट करता है. ताकि हम जान सकें कब आंधी आएगी और कब तूफान. इससे किसानों को बहुत बड़ी राहत होती है, और उनकी फसल तेज बरसात और आंधी के कारण नुकसान होने से बच जाती है. दरअसल, प्रदेश में मानसून का पूर्वानुमान और बारिश से जुड़े सिस्टम की कमी होने के कारण मौसम की पूर्व जानकारी नहीं मिल पाती है. जिसके कारण आंधी तूफान आने से पहले जानकारी के अभाव में किसानों और आम जनमानस को भारी नुकसान उठाना पड़ता है.

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