
देशभर में ठंड तेजी से पैर पसार रही है. शीतलहर का दायरा अब बढ़ता जा रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, मध्य महाराष्ट्र और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 18 नवंबर को शीतलहर से लेकर भीषण शीतलहर तक की स्थिति रहने की संभावना है. 19 और 20 नवंबर को इन राज्यों के कुछ हिस्सों में शीतलहर जारी रह सकती है. पूर्वी मध्य प्रदेश में 18 से 20 नवंबर तक, जबकि मध्य महाराष्ट्र में आज ठंड का असर बढ़ेगा. वहीं, तमिलनाडु में 24 नवंबर तक भारी बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान है.
मौसम विभाग के मुताबिक, अंडमान-निकोबार में 19 से 22 नवंबर तक तेज बारिश हो सकती है और 21 नवंबर को कुछ जगहों पर बहुत भारी बरसात का अंदेशा है. कोमोरिन क्षेत्र और दक्षिण तटों के पास समुद्री परिस्थितियां खराब बनी रहेंगी. पिछले 24 घंटों में तमिलनाडु के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा दर्ज की गई. वहीं, मध्य महाराष्ट्र, पश्चिमी मध्य प्रदेश में भीषण शीतलहर चली. न्यूनतम तापमान कई स्थानों पर सामान्य से 5 डिग्री या अधिक नीचे रिकॉर्ड हुआ. पश्चिम मध्य प्रदेश के राजगढ़ में मैदानों में सबसे कम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
आईएमडी के अनुसार, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 9-11 डिग्री और अधिकतम 24-27 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है. 19 से 21 नवंबर तक सुबह के समय ज्यादातर इलाकों में हल्का से मध्यम कोहरा छा सकता है. दिन का तापमान सामान्य से 2-5 डिग्री कम बने रहने की संभावना है. हवा की गति सुबह कम रहेगी और दिन में उत्तर दिशा से हल्की हवा चलेगी.
मौसम विभाग ने कहा है कि केरल, लक्षद्वीप, आंध्र प्रदेश, रायलसीमा और अंडमान-निकोबार में 22 नवंबर तक कई जगह बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं. हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में तापमान 6 से 10 डिग्री तक पहुंच गया है, जिससे ठंड का असर बढ़ा है.
वहीं, आईएमडी के डिविजन एग्रोमेट ने तमिलनाडु और केरल में किसानों को धान, गन्ना, कपास और सब्जियों को जलभराव से बचाने के लिए खेतों की निकासी व्यवस्था दुरुस्त रखने की सलाह दी है. किसान केले के पौधों को सहारा दें और तैयार फसल को सुरक्षित स्थान पर रखें. वहीं अंडमान-निकोबार में किसान पकी फसलों की तुरंत कटाई कर सुरक्षित जगह भंडारण करें.
इसके अलावा मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में ठंड से बचाने के लिए किसान फसलों को हल्की सिंचाई दें और सब्जी नर्सरी और नाजुक पौधों को पुआल या पॉलीशीट से ढकें. केले के गुच्छों पर प्लास्टिक कवर लगाएं.
पशुपालक भारी बारिश और ठंड के दौरान पशुओं को शेड में रखें और सूखा बिछावन उपलब्ध कराएं. चूजों को गर्म रखने के लिए कृत्रिम रोशनी का उपयोग करें. तालाबों में पानी बढ़ने की स्थिति में मछली बहाव रोकने के लिए आउटलेट पर जाली लगाएं.
23 नवंबर तक दक्षिण भारत के कई समुद्री क्षेत्रों में तेज हवाओं और ऊंची लहरों की चेतावनी के चलते मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.