
देशभर में इस समय मौसम का दोहरा असर देखने को मिल रहा है. एक तरफ उत्तर और मध्य भारत में की शीतलहर (कोल्ड वेव) की स्थिति है, वहीं दक्षिण भारत में भारी बारिश का दौर फिर शुरू होने जा रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक, 16 नवंबर तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और झारखंड में कोल्ड वेव बनी रहेगी. इन राज्यों में न्यूनतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री या उससे अधिक नीचे दर्ज किया गया है. सबसे कम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस राजस्थान के सीकर में रिकॉर्ड हुआ है. वहीं तमिलनाडु और केरल में 16 से 18 नवंबर के बीच भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. इन राज्यों में तूफानी हवाओं और गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है.
आईएमडी ने 17 से 19 नवंबर के बीच तटीय आंध्र प्रदेश, यनम और रायलसीमा में भी भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 18 और 19 नवंबर को तेज हवाओं के साथ भारी बारिश के आसार हैं. मछुआरों को 14 से 19 नवंबर के बीच श्रीलंका तट, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, तमिलनाडु तट, गल्फ ऑफ मन्नार और अंडमान सागर के कई हिस्सों में समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.
दिल्ली-एनसीआर में दिन और रात के तापमान में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन ठंड लगातार बढ़ रही है. अधिकतम तापमान 24 से 26 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10 से 12 डिग्री के बीच बना हुआ है. 15 से 17 नवंबर के दौरान न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री तक जा सकता है. सुबह के समय स्मॉग और हल्की धुंध बढ़ने की संभावना है. कई जगहों पर दृश्यता 900 मीटर तक गिर चुकी है. आने वाले दिनों में हवा की गति कम रहेगी जिससे प्रदूषण का स्तर भी बढ़ सकता है.
आईएमडी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में 14 से 16 नवंबर के बीच कोल्ड वेव जारी रहेगी. पूर्वोत्तर भारत और यूपी में अगले पांच दिनों तक सुबह के समय हल्का से मध्यम कोहरा छाया रह सकता है. पश्चिमी भारत में अगले 24 घंटे तापमान में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन उसके बाद तापमान में 3 से 4 डिग्री तक की गिरावट दर्ज हो सकती है. तमिलनाडु और केरल में पिछले 24 घंटों में कई जगहों पर 7 से 11 सेमी तक बारिश दर्ज की गई है.
भारी बारिश की चेतावनी वाले तमिलनाडु और केरल में किसान पकी हुई धान और मूंगफली की फसल को जितना हो सके सुरक्षित स्थान पर रख लें. खेतों में जलभराव न होने दें और केले जैसे कमजोर तनों वाली फसलों को सहारा दें.
वहीं, उत्तर भारत के ठंड प्रभावित राज्यों में किसानों को सलाह है कि खड़ी फसलों को बचाने के लिए शाम को हल्की सिंचाई करें. नर्सरी और छोटे पौधों को पॉलिथीन या घास-फूस से ढकें. पशुपालक पशुओं को रात में ठंड से बचाने के लिए सूखा बिछौना दें और बारिश में उन्हें बाहर न छोड़ें.